दांतों में झनझनाहट से छुटकारा दिलाते हैं आयुर्वेद के ये उपाय, मसूड़ों को भी बनाते हैं मजबूत
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। अक्सर लोग दांतों में झनझनाहट होने की शिकायत करते हैं। कभी-कभी लोग इसे हल्के में भी ले लेते हैं, लेकिन यह दांतों की खराब सेहत की ओर इशारा करती है। दांत जब गर्म, ठंडा या खट्टा खाने पर अचानक दर्द करने लगते हैं, तो इसे झनझनाहट कहते हैं। बच्चों और बड़ों, दोनों को यह परेशानी हो सकती है। इसका कारण दांतों की संरचना में बदलाव या मसूड़ों की कमजोरी हो सकता है।
जब दांतों की ऊपरी सुरक्षा वाली परत यानी इनेमल कमजोर या घिस जाती है, तो दांत के अंदर की नर्व यानी नसें असुरक्षित हो जाती हैं। इससे छोटी-छोटी नलिकाएं खुल जाती हैं, और हर बार कुछ खाते या पीते समय तेज दर्द का अनुभव होता है।
आयुर्वेद के मुताबिक दांतों की देखभाल में सही घरेलू उपाय और दिनचर्या का बड़ा योगदान होता है। पुराने समय से ही आयुर्वेद में सरसों के तेल को दांतों और मसूड़ों के लिए फायदेमंद माना गया है। हल्के हाथ से सरसों के तेल और थोड़े नमक को मिलाकर दांतों पर मालिश करने से मसूड़े मजबूत होते हैं और दांतों की झनझनाहट कम होती है।
नारियल तेल को भी आयुर्वेदिक रूप से बेहद लाभकारी माना गया है। इसके लिए केवल एक चम्मच नारियल तेल लेकर इसे मुंह में 2 से 3 मिनट धीरे-धीरे घुमाना होता है और फिर कुल्ला करना होता है। यह प्रक्रिया दांतों की सतह से बैक्टीरिया हटाती है और नर्व्स को आराम देती है, जिससे सेंसिटिविटी में राहत मिलती है।
वहीं, लौंग का तेल भी पुरानी आयुर्वेदिक उपायों में दांतों के दर्द को कम करने के लिए सुझाया गया है। जिस दांत में दर्द है, वहां रुई की मदद से थोड़ी मात्रा में लौंग का तेल लगाने से दर्द कम हो जाता है।
आयुर्वेद में हल्दी को प्राकृतिक एंटीसेप्टिक माना गया है। हल्दी को हल्के हाथ से मसूड़ों पर लगाना या इसे पेस्ट बनाकर दांतों पर लगाना दांतों में झनझनाहट को कम करने में मदद करता है। यह दांतों और मसूड़ों दोनों के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है।
दांतों की झनझनाहट के पीछे कई वैज्ञानिक कारण भी हैं। सबसे आम कारण इनेमल का घिसना है। जब हम दांतों को बहुत जोर से ब्रश करते हैं, तो इनेमल कमजोर होकर नर्व तक पहुंच सकता है। दांत टूटना या क्रैक होना भी संवेदनशीलता का कारण बन सकता है। इसके अलावा, मसूड़े पीछे हटने पर दांत की निचली परत खुल जाती है, जिससे छोटी नलिकाएं सीधे नसों से जुड़ जाती हैं और दर्द महसूस होता है। कैविटी या दांत में छेद होना और खट्टा या बहुत मीठा खाना भी दांतों में झनझनाहट बढ़ा सकता है।
सेंसिटिविटी कम करने के लिए कुछ आसान आदतें अपनाई जा सकती हैं। सबसे पहले, सेंसिटिविटी टूथपेस्ट का इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा, सॉफ्ट ब्रिसल वाले टूथब्रश का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर दांत बहुत संवेदनशील हैं तो ब्रश की जगह उंगली में पेस्ट लेकर हल्के हाथ से दांतों को साफ करना भी असरदार है। खाने-पीने में बहुत ठंडी या गरम चीजों से परहेज करना और गुनगुने पानी से कुल्ला करना भी राहत देता है।
--आईएएनएस
पीके/वीसी
