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छत्तीसगढ़ : नवाचार का मॉडल 'सेंदरी का सरकारी स्कूल', 'मैथ्स पार्क' से बच्चे कर रहे गणित से 'दोस्ती'

डोंगरगढ़, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव जिले के डोगरगढ़ विकासखंड के ग्राम सेंदरी का शासकीय हाई स्कूल प्रदेश में उदाहरण बनकर उभर रहा है। यहां स्थापित संभवतः प्रदेश का पहला मैथ्स पार्क बच्चों की पढ़ाई का तरीका बदल रहा है। इससे ग्रामीण शिक्षा की तस्वीर भी नया रूप ले रही है। कभी नक्सल प्रभावित रहा यह इलाका अब अभिनव शिक्षण पद्धति के जरिए सीखने-सिखाने का केंद्र बन गया है।
 
छत्तीसगढ़ : नवाचार का मॉडल 'सेंदरी का सरकारी स्कूल', 'मैथ्स पार्क' से बच्चे कर रहे गणित से 'दोस्ती'

डोंगरगढ़, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। छत्‍तीसगढ़ में राजनांदगांव जिले के डोगरगढ़ विकासखंड के ग्राम सेंदरी का शासकीय हाई स्कूल प्रदेश में उदाहरण बनकर उभर रहा है। यहां स्थापित संभवतः प्रदेश का पहला मैथ्स पार्क बच्चों की पढ़ाई का तरीका बदल रहा है। इससे ग्रामीण शिक्षा की तस्वीर भी नया रूप ले रही है। कभी नक्सल प्रभावित रहा यह इलाका अब अभिनव शिक्षण पद्धति के जरिए सीखने-सिखाने का केंद्र बन गया है।

इस अनोखे पार्क में शून्य के जनक आर्यभट्ट से लेकर महान गणितज्ञ रामानुजन तक के सिद्धांतों को रोचक आकृतियों, मॉडल्स और गतिविधियों के माध्यम से जीवंत किया गया है। जटिल माने जाने वाले प्रमेय, आकृतियां और गणितीय अवधारणाएं अब बच्चों के लिए खेल-खेल में सीखने का साधन बन गई हैं। इससे न केवल विषय का भय समाप्त हुआ है, बल्कि विद्यार्थियों में गणित के प्रति नया उत्साह पैदा हुआ है।

वैदिक गणित की सरल तकनीकों को भी पार्क में शामिल किया गया है, जिससे तेज और सटीक गणना का अभ्यास बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ा रहा है।

इस पहल की खास बात यह है कि पार्क को सरकारी अनुदान के बजाय स्कूल के शिक्षकों ने स्वयं अपनी कमाई से करीब दस लाख रुपए की राशि जुटाकर विकसित किया है।

गणित के शिक्षक गोकुल जंघेल इस नवाचार के प्रणेता हैं। उन्‍होंने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा कि ग्रामीण परिवेश के बच्चों में गणित के प्रति रुचि जगाने की मंशा से पार्क का निर्माण किया गया है। आकृतियों और संकेतों के जरिए बेसिक गणित को सरल रूप में समझाने की कोशिश की गई है ताकि बच्चे कठिन सिद्धांतों को भी आसानी से पकड़ सकें।

गोकुल ने बताया कि बच्‍चों को गणित समझाने में काफी हद तक हम सफल भी रहे हैं। बच्‍चे इसमें रुचि ले रहे हैं और उनकी समझ बढ़ रही है। इस दौरान समय-समय पर परीक्षा भी लेते हैं और इस दौरान सटीक उत्‍तर बच्‍चे दे रहे हैं। पार्क में अभी कई काम करने बाकी हैं। पर्यावरण की दृष्टिकोण से हमने पांच एकड़ के परिसर को हरा-भरा कर दिया है। हमने पौधे लगाए थे, जो बड़े होकर फल भी देने लगे हैं।

--आईएएनएस

एएसएच/एबीएम