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चेन्नई: ईपीएस ने शिक्षकों की गिरफ्तारी की निंदा की, सरकार पर ‘अराजक और फासीवादी’ रवैये का लगाया आरोप

चेन्नई, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के महासचिव, तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री थिरु एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) ने शुक्रवार को इंटरमीडिएट शिक्षकों की गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में निंदा की।
 
चेन्नई: ईपीएस ने शिक्षकों की गिरफ्तारी की निंदा की, सरकार पर ‘अराजक और फासीवादी’ रवैये का लगाया आरोप

चेन्नई, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के महासचिव, तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री थिरु एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) ने शुक्रवार को इंटरमीडिएट शिक्षकों की गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में निंदा की।

ये शिक्षक वर्ष 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान डीएमके द्वारा किए गए वादे को पूरा करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

एक बयान में ईपीएस ने कहा कि डीएमके सरकार के इशारे पर राज्य पुलिस द्वारा शिक्षकों की गिरफ्तारी तथाकथित 'स्टालिन मॉडल' प्रशासन की अराजक प्रकृति को उजागर करती है।

उन्होंने सीएम को ’कठपुतली’ बताते हुए कहा, “मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे इंटरमीडिएट शिक्षकों के खिलाफ पुलिस को छोड़ दिया है, जो उनकी ही पार्टी द्वारा किए गए वादे को पूरा करने की मांग कर रहे थे। यह कड़े शब्दों में निंदा के योग्य है।”

ईपीएस ने कहा कि डीएमके सरकार ने बार-बार 'समान काम के लिए समान वेतन' का वादा किया था, लेकिन पिछले साढ़े चार वर्षों से शिक्षकों को सड़कों पर आंदोलन करने देने के अलावा कुछ नहीं किया और मूकदर्शक बनी रही।

उन्होंने कहा, “चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे करना और फिर बिना समाधान के शिक्षकों को अनंतकाल तक विरोध प्रदर्शन करने देना डीएमके सरकार की फासीवादी मानसिकता को दर्शाता है। अगर सरकार का वादा पूरा करने का कोई इरादा नहीं है तो कम से कम उसे इसे स्वीकार करने की ईमानदारी दिखानी चाहिए।”

विरोध कर रहे शिक्षकों पर लगातार हो रही कार्रवाई की निंदा करते हुए ईपीएस ने डीएमके सरकार से तुरंत अपने टकरावपूर्ण और अराजक रवैये को छोड़ने की अपील की।

उन्होंने कहा, “स्टालिन मॉडल वाली डीएमके सरकार को शिक्षकों को विरोधी के रूप में देखना बंद करना चाहिए और पुलिस कार्रवाई के जरिए आवाज़ दबाने के बजाय अपने चुनावी वादों को तुरंत पूरा करने के लिए कदम उठाने चाहिए।”

--आईएएनएस

एएमटी/डीकेपी