बर्थडे स्पेशल: हॉलीवुड स्टार टायरीज गिब्सन, आवाज और अदाकारी के कायल हैं लोग, संघर्ष की आग में तपकर बने सोना
नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। हॉलीवुड के स्टार टायरीज डार्नेल गिब्सन का जन्म 30 दिसंबर 1978 को लॉस एंजेलिस, कैलिफोर्निया में हुआ। टायरीज को दुनिया भर में एक ऐसे कलाकार के रूप में जाना जाता है जिसने अभिनय और संगीत—दोनों क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बनाई।
टायरीज का बचपन संघर्षों से भरा रहा। वे लॉस एंजेलिस के वॉट्स इलाके में पले-बढ़े, जिसे अमेरिका के कठिन सामाजिक इलाकों में गिना जाता है। शुरुआती दिनों में उन्होंने विज्ञापनों से करियर की शुरुआत की। 1990 के दशक में एक कोका-कोला विज्ञापन से उन्हें पहली बार व्यापक पहचान मिली। इसके बाद उनका रुझान संगीत की ओर गया और 1998 में उन्होंने अपना पहला आर एंड बी एल्बम टाइरिजी रिलीज किया, जो काफी सफल रहा।
हॉलीवुड में टायरीज गिब्सन की असली पहचान एक्शन फिल्मों से बनी। वर्ष 2001 में जॉन सिंगलटन द्वारा निर्देशित फिल्म बेबी बॉय में उनकी भूमिका को समीक्षकों ने सराहा। इसके बाद वे फास्ट एंड फ्युरियस फ्रेंचाइजी का अहम हिस्सा बने, जहां उन्होंने रोमन पीयर्स का किरदार निभाया। यह किरदार हास्य, दोस्ती और एक्शन के अनोखे मिश्रण के कारण दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हुआ।
फिल्म इतिहास और हॉलीवुड स्टार्स पर आधारित संदर्भ ग्रंथ “द इंसाइक्लोपीडिया ऑफ हॉलीवुड फिल्म एक्टर्स” में टायरीज गिब्सन का उल्लेख एक ऐसे कलाकार के रूप में मिलता है जिसने मल्टीटैलेंटेड परफॉर्मर की छवि बनाई। अभिनय के साथ-साथ वे एक सफल सोल और आर एंड बी गायक भी रहे हैं और कई ग्रैमी नामांकनों का हिस्सा बन चुके हैं।
टायरेस गिब्सन ने "1992" नाम की फिल्म में काम किया था, एक ऐसी फिल्म जिसमें काम करते वक्त इनकी रूह कांप गई थी। जानते हैं क्यों? क्योंकि ये एक दंगे पर बनी फिल्म थी जो लॉस एंजिल्स दंगों पर आधारित थी।
गिब्सन ने बताया था कि उनकी चुनौती बड़ी थी। उन्होंने बताया था कि दंगे इन्होंने अपने सामने होते हुए देखे थे। तब वो महज 14 साल के थे। उन्होंने सड़कों पर लूटपाट, दंगे और विरोध प्रदर्शन देखा था, और फिल्म करते वक्त वो सब मंजर आंखों के आगे तैर गया था।
गिब्सन की जिंदगी उतार-चढ़ाव से भरी रही। बचपन में पिता छोड़ गए, फिर बेटी की कस्टडी के लिए लंबी लड़ाई लड़ी, सब कुछ ठीक चल रहा था तो करीबी दोस्त पॉल वाल्कर का निधन हो गया और 2017 में मां का साथ छूट गया। डिप्रेशन से भी जूझे लेकिन फिर खड़े हुए और जिंदगी को जीने लगे।
--आईएएनएस
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