भगवान राम पर टीएमसी विधायक की टिप्पणी पर भड़के संत, बोले- उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है
अयोध्या, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक मदन मित्रा ने कहा कि भगवान राम मुसलमान थे। इस पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया। वहीं, अयोध्या के संतों ने भी नाराजगी व्यक्त की है।
महामंडलेश्वर विष्णु दास जी महाराज ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि सीएम ममता बनर्जी के विधायक मदन मित्रा की मानसिकता ठीक नहीं है। अगर उनकी मानसिक स्थिति ठीक होती, तो वह राम को मुसलमान न बताते।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोग भारत में रहकर भगवान राम और सनातन पर आरोप लगा रहे हैं। वे आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। भगवान राम को लेकर उनके द्वारा की गई टिप्पणी की मैं निंदा करता हूं। उन्होंने कहा कि इनकी जीभ काट लेनी चाहिए। अगर जीभ ही नहीं रहेगी तो कैसे बोलेंगे? उन्होंने यह भी कहा कि इनके अंदर बाबर की आत्मा घुस गई है, इसलिए वे इस तरह के बयान दे रहे हैं।
आर्य संत वरुण दास जी महाराज का कहना है कि मित्रा की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। भगवान राम न हिंदू हैं और न मुसलमान हैं। वह सिर्फ भगवान हैं। अगर उन्हें लगता है कि भगवान राम मुसलमान हैं, तो हर मस्जिद में भगवान राम की पूजा शुरू करा दें। मुस्लिमों से आह्वान करेंगे कि मस्जिद में भगवान राम की पूजा-अर्चना और उनकी सेवा करें। उन्होंने कहा कि मदन मित्रा को अपनी बुद्धि की शुद्धि की जरूरत है।
करपात्री महाराज ने मदन मित्रा के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि भगवान राम जगत के पिता हैं, लेकिन टीएमसी के विधायक अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कोई प्रमाणपत्र उनके पास है? ऐसे कैसे कह दिया? वो ठीक नहीं हैं। अगर इस तरह के बयान देंगे तो सरजू जी में प्रवाहित कर दूंगा।
वहीं, सीताराम दास जी महाराज ने भी कहा कि टीएमसी विधायक का दिमागी संतुलन ठीक नहीं है। उन्हें जाकर अपने दिमाग का इलाज कराना चाहिए, वरना सनातनी उसका अच्छी तरह से इलाज कर देंगे। एक मजहब और साम्प्रदाय को खुश करने के लिए वह इस तरह के बयान दे रहे हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि ऐसा कोई कानून बनना चाहिए जो इस प्रकार की टिप्पणी करने वालों पर कठोर कार्रवाई करे और संपत्ति को जब्त कर ले। यह असहनीय है। भगवान के ऊपर इस तरह की अभद्र टिप्पणी करना ठीक नहीं है। संत उनकी बुद्धि ठीक कर देंगे, अन्यथा वह जाकर अपना इलाज करवा लें।
--आईएएनएस
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