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बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए: नीरज कुमार

पटना, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने शनिवार को कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
 
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए: नीरज कुमार

पटना, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने शनिवार को कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।

पटना में आईएएनएस से बातचीत में जदयू प्रवक्ता ने कहा कि बांग्लादेश में हो रही घटनाएं बहुत दुखद हैं। जहां भी धर्म के आधार पर राज्य होता है, वहां लोकतंत्र का गला घोंटा जाता है। बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच विवाद पैदा होते हैं। आज बांग्लादेश में स्थिति ऐसी है कि अल्पसंख्यक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं। इसलिए, हम दुनियाभर के सभी देशों से शांति की अपील करते हैं। भारत पहल कर रहा है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास खाली करने के मामले पर जदयू प्रवक्ता ने कहा कि राबड़ी देवी को आवास खाली करने के लिए पहले ही नोटिस दिया गया था, तो फिर यह लगाव या हिचकिचाहट किस बात की है? मुझे लगता है कि जरूर कोई सीक्रेट डॉक्यूमेंट है जिसकी वजह से वह घर खाली नहीं कर रही हैं। इसलिए हम सरकार से भी अनुरोध करेंगे कि घर खाली करवाया जाए। यह सुनिश्चित करने के लिए एक डिटेल इन्वेंटरी तैयार की जानी चाहिए कि घर खाली करने के बहाने कोई भी सरकारी संपत्ति का गलत इस्तेमाल न करे। ये पब्लिक की संपत्ति हैं, जो टैक्स देने वालों के पैसे से खरीदी गई है और किसी को भी इन्हें ले जाने का हक नहीं है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बयान पर जदयू प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने पारंपरिक रूप से विदेश नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद पर एकता बनाए रखी है। सरकार और विपक्ष के बीच सार्वजनिक विवादों से बचा है, हालांकि अब अंदरूनी मामलों पर विदेशों में चर्चा हो रही है। विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी शायद यह भूल रहे हैं कि उनके पिता राजीव गांधी ने एक बार अटल बिहारी वाजपेयी से संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व हिंदी में करने का अनुरोध किया था। ऐसी परंपराओं के खत्म होने से शशि थरूर की चिंताएं समझ में आती हैं।

पीएम मोदी का जिक्र करते हुए जदयू प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के पारंपरिक बाल दिवस को 'वीर बाल दिवस' कहा है। यह इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। समाज के कमजोर तबके का एक बच्चा भी, जिसे शुरू में अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका नहीं मिला, उसने भी अपनी प्रतिभा को निखारा और बड़े मंच पर पहचान हासिल की। अलग-अलग दौर में, जिन बच्चों ने असाधारण बौद्धिक या साहसी क्षमताएं दिखाईं और जिन्हें समाज ने पहचाना, उन्हें अब वीर बाल दिवस पर याद किया जाता है। इस तरह उन्हें सम्मानित करना इतिहास और उनके योगदान के प्रति सम्मान का प्रतीक है।

--आईएएनएस

डीकेएम/वीसी