बांग्लादेश में बढ़ता कट्टरपंथ आत्मघाती, कश्मीर पहले ही देख चुका है अंजाम: शेष पॉल वैद
श्रीनगर, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। जम्मू‑कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद (एसपी वैद) ने बांग्लादेश की मौजूदा हालत पर गंभीर चिंता जताई है। उनका कहना है कि बांग्लादेश जिस रास्ते पर जा रहा है, वह बेहद खतरनाक और आत्मघाती है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर किसी भी समाज में कट्टरपंथी इस्लाम सड़क की ताकत बन जाता है तो उसका अंजाम अच्छा नहीं होता। कश्मीर इसका जीता‑जागता उदाहरण है, जो पहले ही दिखा चुका है कि यह रास्ता आखिरकार तबाही की ओर ही ले जाता है।
शेष पॉल वैद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो के जरिए अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हाल ही में बांग्लादेश में एक हिंदू युवक दीपू के साथ जो हुआ, उसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। उनका कहना है कि सिर्फ अपनी आस्था को लेकर एक बात कहने पर जिस तरह भीड़ ने कानून अपने हाथ में लिया, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है। यह सिर्फ किसी एक समुदाय पर हमला नहीं है, बल्कि इंसानियत और कानून व्यवस्था पर सीधा हमला है।
उन्होंने 1990 के दशक का जिक्र करते हुए बताया कि कश्मीर में भी कुछ ऐसा ही हुआ था। जब कट्टरपंथी ताकतें मजबूत हुईं तो सबसे पहले कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया गया। उस समय बहुत से लोग चुप रहे, क्योंकि उन्हें लगा कि अगर वे खामोश रहेंगे तो बच जाएंगे। वैद का कहना है कि बाद में हालात ऐसे बने कि कश्मीरी मुसलमानों की जानें भी बड़ी संख्या में गईं। जो लोग शुरुआत में चुप थे, वही आगे चलकर उसी हिंसा का शिकार बने।
शेष पॉल वैद का मानना है कि यही पैटर्न अब बांग्लादेश में भी दोहराया जा सकता है। आज जो लोग सोच रहे हैं कि यह सब किसी और के साथ हो रहा है, उन्हें समझना चाहिए कि कल यही आग उनके दरवाजे तक भी पहुंच सकती है। जब कानून की जगह भीड़ फैसला करने लगती है और डर का माहौल बनता है तो कोई भी सुरक्षित नहीं रहता।
उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इस रास्ते को नहीं रोका गया तो बांग्लादेश का हाल भी सीरिया, यमन या पाकिस्तान जैसा हो सकता है। उनका कहना है कि भारत हो, बांग्लादेश हो या पाकिस्तान, सभी को यह समझने की जरूरत है कि कट्टरपंथ और हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। यह रास्ता सिर्फ बर्बादी की ओर ले जाता है।
--आईएएनएस
पीआईएम/डीकेपी
