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बांग्लादेश में अल्पसंख्यक के साथ हुई घटना शर्मसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी हावी: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी

बरेली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात (एआईएमजे) के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बांग्लादेश में हो रही सांप्रदायिक हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोगों ने शेख हसीना का तख्तापलट किया था।
 
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक के साथ हुई घटना शर्मसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी हावी: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी

बरेली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात (एआईएमजे) के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बांग्लादेश में हो रही सांप्रदायिक हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोगों ने शेख हसीना का तख्तापलट किया था।

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि तख्तापलट के बाद से ही बांग्लादेश की हालत बहुत नाजुक है। ऐसा लगा था कि मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश संभाल लेंगे, लेकिन वह इसमें असफल रहे और कट्टरपंथी विचारधारा के समर्थक बनकर रह गए।

उन्होंने कहा कि ढाका और कुम्हिला में जिस तरह हिंसा हुई और एक अल्पसंख्यक के साथ घटना हुई, यह पूरी दुनिया को शर्मसार करने वाली बात है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी हावी हो चुकी है। उसने कट्टरपंथी विचारधारा वाले संगठनों के साथ गठबंधन कर लिया है, और इससे वहां हिंसा हो रही है। यह केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे मुस्लिम समाज के लिए चिंता की बात है।

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से कहूंगा कि बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए कदम उठाएं।

उन्होंने मोहन भागवत के बयान पर कहा कि हर कौम या हर संगठन अपने लोगों को सुरक्षा प्रदान करने और एकजुट करने के लिए काम करता है। आरएसएस भी समाज और देशहित में काम करता है। वह अपने समाज को एकजुट करने के लिए काम करता है।

उन्होंने कहा कि पहले माना जाता था कि आरएसएस मुस्लिम विरोधी संगठन है, लेकिन मोहन भागवत ने साफ कर दिया है कि आरएसएस मुस्लिम विरोधी नहीं है। मोहन भागवत अच्छी सोच वाले इंसान हैं।

कन्हैया मित्तल के 'लाहौर में भी अयोध्या बनाने' वाले बयान पर उन्होंने कहा कि वह डायलॉग मार रहे हैं। सरहदें सील हैं, तो पाकिस्तान में अयोध्या कैसे बन सकता है? यह फालतू बात है। पाकिस्तान की नीतियों के खिलाफ उन्हें बोलना चाहिए, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं, बल्कि अब वह भारत के मुसलमानों को औरंगजेब की औलाद कहकर गालियां दे रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।

हुमायूं कबीर को लेकर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि 6 महीने बाद ही पश्चिम बंगाल में चुनाव होने वाले हैं। वह चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन किसी भी मस्जिद का नाम 'बाबरी मस्जिद' नहीं रखना चाहिए। मंदिर और मस्जिद की चर्चा नहीं होनी चाहिए। अब विकास, तरक्की, कारोबार और शिक्षा की बात होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि हुमायूं कबीर के बयान से प्रतीत होता है कि वे मुसलमानों के हित में काम न करके ममता बनर्जी का तख्ता पलटना चाहते हैं। जाकिर हुसैन पर उन्होंने कहा कि वे एक करोड़ की लागत से मंदिर बनाएंगे और मस्जिद बनाकर उसका नाम मोहम्मदी मस्जिद रखेंगे। संविधान सबको इजाजत देता है। आजाद भारत में मुसलमान भी आजाद हैं, लेकिन हुमायूं कबीर की बाबरी मस्जिद और जाकिर हुसैन के मंदिर बनाने का ऐलान ठीक नहीं है। इससे टकराव की स्थिति पैदा होगी और लोगों में अफरातफरी पैदा होगी।

--आईएएनएस

एएमटी/डीकेपी