आयुष्मान भारत योजना के तहत समय पर दावा निपटान में सबसे आगे गुजरात
गांधीनगर, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-मुख्यमंत्री अमृतम के तहत लाभार्थियों को क्लेम पेमेंट के मामले में गुजरात देश में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य बन गया है, जिससे पब्लिक हेल्थकेयर डिलीवरी में इसकी स्थिति और मजबूत हुई है।
राज्य सरकार ने कहा कि यह उपलब्धि सभी आय वर्ग के लोगों के लिए समय पर, कैशलेस और समावेशी तरीके से चिकित्सा इलाज तक पहुंच पक्की करने पर उसके फोकस को दिखाती है।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-मुख्यमंत्री अमृतम स्कीम, जो केंद्र के फ्लैगशिप आयुष्मान भारत प्रोग्राम को राज्य की मुख्यमंत्री अमृतम योजना के साथ जोड़ती है, वर्तमान में गुजरात में लगभग 1.20 करोड़ परिवारों को कवर करती है।
जुलाई 2023 में, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की नेतृत्व में, हर परिवार का सालाना हेल्थ इंश्योरेंस कवर 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया गया, जिससे बड़ी बीमारियों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा काफी बढ़ गई।
मुख्यमंत्री पटेल ने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "स्वस्थ गुजरात, समृद्ध गुजरात" के दृष्टिकोण से निर्देशित है, जिसका उद्देश्य गरीब और मध्यवर्ग के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करना है।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड जारी करने और कवरेज बढ़ाने से यह सुनिश्चित हुआ है कि दूर-दराज और आर्थिक रूप से कमजोर इलाकों के लोग भी गंभीर बीमारियों का मुफ्त इलाज पा सकें, जबकि सरकारी अस्पताल भी उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे हैं।
इंश्योरेंस कवरेज बढ़ने के साथ, योजना के तहत प्रीमियम संरचना में भी बदलाव किए गए हैं।
जब कवरेज 5 लाख रुपए तक सीमित था, तो जुलाई 2021 से जुलाई 2022 तक हर परिवार का प्रीमियम 2,177.10 रुपए था, जिसका कुल खर्च 1,681.20 करोड़ रुपए था। जुलाई 2022 से जुलाई 2023 तक प्रीमियम घटाकर 1,492 रुपए कर दिया गया, जिसका खर्च 1,363.52 करोड़ रुपए था। 10 जुलाई 2023 से कवरेज को बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने के बाद, प्रीमियम बढ़कर हर परिवार के लिए 3,708 रुपए हो गया।
इस योजना के तहत राज्य का खर्च 2023-24 के दौरान 2,676.26 करोड़ रुपए था और 2024-25 में बढ़कर 3,210.03 करोड़ रुपए हो गया।
अब, गुजरात में एबी पीएमजेएवाई-एमए के तहत 2,090 अस्पताल पैनल में शामिल हैं, जिनमें 1,132 सरकारी अस्पताल और 958 प्राइवेट अस्पताल शामिल हैं। नवंबर 2025 तक, लाभार्थी 2,299 मेडिकल प्रक्रियाओं के साथ-साथ 50 विशेष रेफरल सेवाओं का इलाज करा सकेंगे।
अधिकारियों ने कहा कि क्लेम सेटलमेंट में गुजरात की पहली रैंकिंग इसके लागू करने के तरीके की कुशलता को दर्शाती है। राज्य ने सरकारी कर्मचारियों को कवर करने के लिए योजना का दायरा भी बढ़ाया है। मई 2025 में, गुजरात सरकार ने सभी राज्य सरकार के अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए कर्मयोगी स्वस्थ सुरक्षा योजना शुरू की।
इस पहल के तहत, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-मुख्यमंत्री अमृतम के माध्यम से ऑल इंडिया सर्विसेज के अधिकारियों, राज्य सरकार के कर्मचारियों, फिक्स्ड-पे कर्मचारियों और पेंशनर्स के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्य भी कैशलेस इलाज का लाभ उठा सकते हैं।
लगभग 6.40 लाख लाभार्थी "जी" श्रेणी में रजिस्टर किए गए हैं और उन्हें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-मुख्यमंत्री अमृतम कार्ड जारी किए गए हैं। इस योजना का असर अहमदाबाद के एक छोटे दुकानदार, 66 साल के फारुक खिमानी जैसे अलग-अलग मामलों में साफ दिखता है।
खिमानी को कोरोनरी आर्टरी डिजीज का पता चलने पर, मई 2025 में यू.एन. मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में उनकी कोरोनरी एंजियोग्राफी और कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग सर्जरी हुई, जिसमें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-मुख्यमंत्री अमृतम के तहत 5.24 लाख रुपए की वित्तीय मदद दी गई।
बाद में दिसंबर 2025 में सांस लेने में दिक्कत के कारण उन्हें सीआरटी-पी इम्प्लांट प्रोसीजर के लिए दोबारा भर्ती कराया गया। तब से उनकी हालत स्थिर है, और उन्होंने इस योजना को बहुत ज्यादा मेडिकल खर्चों से बचाने का श्रेय दिया है। राज्य के अधिकारियों ने कहा कि यह योजना वित्तीय सुरक्षा और उन्नत चिकित्सा देखभाल तक पहुंच प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, जो गुजरात के एक सबको साथ लेकर चलने वाले और मजबूत हेल्थकेयर सिस्टम बनाने के वादे को दर्शाता है।
--आईएएनएस
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