आयुर्वेदिक सुपर हर्ब मुलेठी : पिंपल्स और दाग-धब्बों का सफाया कर देता है ग्लो, जानें और भी फायदे
नई दिल्ली, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। सर्दी-जुकाम, खांसी या गले में खराश की समस्या हो तो सबसे पहले मुलेठी का नाम आता है। लेकिन, यह आयुर्वेदिक सुपर हर्ब केवल इन समस्याओं को दूर करने तक सीमित नहीं है। त्वचा के लिए मानो यह वरदान है।
मुलेठी आयुर्वेद का एक सुपर हर्ब है, जिसे यष्टिमधु भी कहते हैं। सर्दियों में खांसी, गले की खराश और त्वचा के रूखेपन से राहत के लिए सदियों से इसका इस्तेमाल होता आ रहा है।
न्यूट्रिशनिस्ट और आयुर्वेदाचार्य इसे सुपर हर्ब इसलिए मानते हैं क्योंकि सही मात्रा में सही तरीके से लेने पर यह शरीर को अंदर से साफ और बाहर से चमकदार बनाता है। इसके पानी से मिलने वाले फायदे गिनाने बैठें तो दस से कम नहीं होंगे।
इससे सर्दी-खांसी-गले की खराश में तुरंत राहत मिलती है। यह बलगम साफ कर सांस की नली खोलता है। एसिडिटी-गैस-अपच को शांत कर इम्यूनिटी को मजबूत बनाकर बार-बार बीमार पड़ना रोकता है।
इसके मुख्य काम पिंपल्स-दाग-धब्बे-झाइयां हल्की कर ग्लोइंग स्किन देना, तनाव-चिड़चिड़ापन-एंग्जायटी कम करना, मुंह के छाले और मसूड़ों की सूजन में आराम देना, थकान दूर कर एनर्जी बढ़ाना, हार्मोन बैलेंस करना और आवाज को मधुर बनाना शामिल है।
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि मुलेठी का पानी बनाने का तरीका भी आसान है। एक कप पानी में आधा छोटा चम्मच मुलेठी पाउडर या टुकड़े और 3-4 तुलसी पत्ते डालकर 5-7 मिनट उबालें, छान लें, गुनगुना होने पर थोड़ा शहद या नींबू मिलाकर पिएं।
हेल्थ एक्सपर्ट यह भी बताते हैं कि सामान्य दिनों में सुबह खाली पेट या लंच के बाद एक बार, खांसी-सर्दी में दिन में दो बार लें। लगातार 3-4 हफ्ते से ज्यादा न लें, बीच में 10-15 दिन का ब्रेक जरूर दें।
मुलेठी सस्ता, सुरक्षित और असरदार आयुर्वेदिक टॉनिक है। हालांकि, कुछ लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाएं, हाई ब्लड प्रेशर, किडनी या दिल के मरीजों को डॉक्टर की सलाह के बिना इसे नहीं लेना चाहिए। इसे नमक वाली चीजों के साथ बिल्कुल न लें और लंबे समय तक अधिक मात्रा में भी सेवन नहीं करना चाहिए।
--आईएएनएस
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