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अयोध्या के संतों ने कोठारी बंधुओं और कारसेवकों को किया याद, चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात

अयोध्या, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। रामनगरी अयोध्या में 6 दिसंबर के दिन को साधु-संत, कोठारी बंधुओं और कारसेवकों के बलिदान दिवस के रूप में मना रहे हैं। विवादित ढांचा गिराने वाले कोठारी बंधुओं और कारसेवकों के लिए शनिवार को 'ॐ शांति' का पाठ रखा गया।
 
अयोध्या के संतों ने कोठारी बंधुओं और कारसेवकों को किया याद, चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात

अयोध्या, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। रामनगरी अयोध्या में 6 दिसंबर के दिन को साधु-संत, कोठारी बंधुओं और कारसेवकों के बलिदान दिवस के रूप में मना रहे हैं। विवादित ढांचा गिराने वाले कोठारी बंधुओं और कारसेवकों के लिए शनिवार को 'ॐ शांति' का पाठ रखा गया।

संत विष्णु दास जी महाराज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि 6 दिसंबर को हम कोठारी बंधुओं और राम भक्तों के बलिदान को याद करते हैं, जो विवादित ढांचा गिराने में शामिल थे। उन कोठारी बंधुओं और कारसेवकों के लिए हम 'ॐ शांति' का पाठ कर रहे हैं।

विष्णु दास जी महाराज ने कहा, "आज का दिन हमारे लिए ऐतिहासिक है। 6 दिसंबर के दिन को याद करके हम भावुक भी हो जाते हैं। आज के दिन बड़ी संख्या में लोग अयोध्या की पवित्र सरयू नदी में स्नान के बाद हनुमानगढ़ी मंदिर में भगवान हनुमान जी से आज्ञा लेने के बाद रामलला के दर्शन कर रहे हैं।"

उन्होंने यह भी बताया कि अयोध्या में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है।

स्वामी हरेकृष्ण महाराज ने कहा कि 6 दिसंबर एक ऐतिहासिक दिन है, जिसे कोठारी बंधुओं और कारसेवकों के बलिदान दिवस के रूप में गहरी भावनाओं के साथ याद किया जाता है। उनका मानना ​​है कि आज उनकी आत्माओं को सच्ची श्रद्धांजलि मिल रही होगी।

उन्होंने कहा, "कोठारी बंधुओं और कारसेवकों ने राम मंदिर के लिए अपना बलिदान दिया, तब जाकर आज यह दिन देखने को मिला है। आज अयोध्या धाम साक्षात परमात्मा के घर जैसा है।"

स्वामी हरेकृष्ण महाराज ने यह भी कहा कि पहले अयोध्या में परिस्थितियां विकट थीं। न ठहरने की व्यवस्था थी और न चलने के लिए रास्ते। आज अयोध्या की दशा बदल चुकी है।

6 दिसंबर 1992 को रामभक्तों ने विवादित ढांचे को ध्वस्त कर दिया था। देश की सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन हुआ था।

--आईएएनएस

डीसीएच/वीसी