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'अगर आग से खेलेंगे तो नतीजे भुगतने पड़ेंगे', हुमायूं कबीर पर टीएमसी को भाजपा के मंत्री का जवाब

पटना, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन ने 'बाबरी मस्जिद' विवाद पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विधायक हुमायूं कबीर पर जवाब दिया है। उन्होंने आरोप लगाए कि हुमायूं कबीर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उकसाया था, लेकिन जब हालात बेकाबू हुए तो पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही हैं।
 
'अगर आग से खेलेंगे तो नतीजे भुगतने पड़ेंगे', हुमायूं कबीर पर टीएमसी को भाजपा के मंत्री का जवाब

पटना, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन ने 'बाबरी मस्जिद' विवाद पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विधायक हुमायूं कबीर पर जवाब दिया है। उन्होंने आरोप लगाए कि हुमायूं कबीर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उकसाया था, लेकिन जब हालात बेकाबू हुए तो पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही हैं।

मंत्री नितिन नबीन ने पश्चिम बंगाल के वर्तमान हालातों पर आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने हुमायूं कबीर के मुद्दे पर टीएमसी से कहा, "अगर आप आग से खेलेंगे तो इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे। ममता बनर्जी ने पहले हुमायूं को उकसाया और अब जब हालात काबू से बाहर हो गए हैं, तो वह इससे पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही हैं। 2026 में बंगाल के लोग उन्हें सत्ता से हटा देंगे।"

नितिन नबीन ने विपक्ष के 'वोट चोरी' के आरोपों पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी का खेल उजागर हो रहा है। जिन हेरफेर से लोकल डेमोग्राफिक्स को बदला गया था, वे धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। जो लोग बंगाल की आबादी का हिस्सा नहीं थे, उन्हें वोटर बनाया गया, जिससे गड़बड़ी हुई।"

उन्होंने आगे कहा, "जिन लोगों ने वोटों की डकैती की, वे 'वोट चोरी' के आरोप लगाते हैं। जिन्होंने जनता के वोट का खेल अलग खेला और उन्हें गुमराह करके घुसपैठियों से मतदान कराया, उनका यह खेल उजागर हुआ है।" नितिन नबीन ने कहा कि चुनाव आयोग जरूर कार्रवाई करेगा। प्रशासनिक स्तर पर भी इस संबंध में कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

रूस-भारत संबंधों पर राजद पार्टी की प्रतिक्रिया पर भी मंत्री नितिन नबीन ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में राजद नेताओं में समझ की कमी है। वे बिहार के अलग-अलग इलाकों के बीच के रिश्तों को भी नहीं समझ पाते। अगर वे समझते, तो शायद ज्यादा सोच-समझकर बयान देते।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के दौरे और रूस के साथ संबंधों के बारे में, वे (राजद) भारत के डिप्लोमैटिक संबंधों की अहमियत को नहीं पहचानते। यूक्रेन विवाद के दौरान प्रधानमंत्री के एक फोन कॉल से ही भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी पक्की हो गई थी।"

--आईएएनएस

डीसीएच/