'अब उम्र, जॉनर या फॉर्मेट की कोई बाधा नहीं रही', सिनेमा में बदलाव पर मोना सिंह के विचार
मुंबई, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री में बहुत से कलाकार आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं, जो बदलते दौर के साथ खुद को ढालते हैं। ऐसी ही एक अभिनेत्री हैं मोना सिंह, जिन्होंने टीवी, सिनेमा और डिजिटल प्लेटफॉर्म, तीनों में अपनी जगह बनाई है। मोना के लिए बीते 25 साल व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों तरह के विकास का दौर रहा।
आईएएनएस से बात करते हुए मोना सिंह ने अपने करियर के सफर को हमेशा सीखने से भरा हुआ बताया। उन्होंने कहा, ''मैंने इंडस्ट्री के साथ-साथ खुद को भी आगे बढ़ाया है। मुझे ऐसे किरदार मिले जिन्होंने चुनौती दी और मेरी क्षमता को परखा। इतने सालों बाद भी अगर मैं उत्साहित हूं, तो यह मेहनत और सीख का ही परिणाम है।''
उन्होंने कहा, ''मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं कि मुझे ऐसे मौके मिले, जहां मैंने अलग-अलग माध्यमों में काम करते हुए अपनी पहचान बनाई।''
आईएएनएस ने जब उनसे इंडस्ट्री में आए सबसे बड़े बदलाव के बारे में पूछा, तो मोना ने कहा, ''इंडस्ट्री में काफी बदलाव आए, लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी इस बात की हुई कि इंडस्ट्री ने बदलाव को इतनी जल्दी अपनाया। ओटीटी प्लेटफॉर्म के आने से कलाकारों और कहानीकारों के लिए नए मौके खुले। अब उम्र, जॉनर या फॉर्मेट की कोई बाधा नहीं रही।''
उन्होंने कहा, ''सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दर्शक भी सीधे कलाकारों से जुड़ सकते हैं। 90 के दशक में कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन दर्शक कलाकारों से इतनी सीधे बातचीत कर सकेंगे।''
मोना सिंह ने कहा, "पिछले 25 सालों में बॉलीवुड में सबसे बड़ा बदलाव कहानी कहने के तरीके में आया है। अब कहानियां ज्यादा वास्तविक, बहु-स्तरीय और निडर बन गई हैं। फिल्में और वेब सीरीज अब उन भावनाओं और किरदारों को दिखा रही हैं जिनसे पहले लोग बचते थे। यह बदलाव न केवल कलाकारों के लिए नए अवसर लेकर आया है, बल्कि दर्शकों के अनुभव को भी नया रूप देता है।"
उन्होंने कहा, ''टेक्नोलॉजी ने फिल्मों की शूटिंग और प्रस्तुति को पूरी तरह बदल दिया है। कैमरा, एडिटिंग और डिजिटल प्रभावों के साथ अब कहानी दिलचस्प और प्रभावशाली बन गई है। लेकिन, सबसे रोमांचक चीज यह है कि दर्शक भी बदल गए हैं। आज का दर्शक समझदार, जिज्ञासु और हर तरह की कहानी देखने के लिए तैयार है। बड़ी या छोटी, व्यावसायिक या खास, सभी तरह की कहानियों के लिए दर्शक भारी संख्या में हैं।''
--आईएएनएस
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