Aapka Rajasthan

सागर परिक्रमा : नौसेना की महिला अधिकारियों का ऑस्ट्रेलियाई संसद ने किया सम्मान 

नई दिल्ली, 15 नवंबर (आईएएनएस)। 'सागर परिक्रमा' के जरिए दुनिया का चक्कर लगाने निकली भारतीय नेवी की महिला अधिकारियों ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की संसद का दौरा किया है। संसद में बातचीत के दौरान चालक दल ने ऑस्ट्रेलियाई सांसदों को 'नाविका सागर परिक्रमा-2' की अपनी जलयात्रा अभियान के बारे में जानकारी दी।
 
सागर परिक्रमा : नौसेना की महिला अधिकारियों का ऑस्ट्रेलियाई संसद ने किया सम्मान 

नई दिल्ली, 15 नवंबर (आईएएनएस)। 'सागर परिक्रमा' के जरिए दुनिया का चक्कर लगाने निकली भारतीय नेवी की महिला अधिकारियों ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की संसद का दौरा किया है। संसद में बातचीत के दौरान चालक दल ने ऑस्ट्रेलियाई सांसदों को 'नाविका सागर परिक्रमा-2' की अपनी जलयात्रा अभियान के बारे में जानकारी दी।

महिला अधिकारियों ने गोवा से फ्रेमेंटल, पर्थ तक की उनकी 38 दिनों की यात्रा के बारे में ऑस्ट्रेलियाई सांसदों को जानकारी दी। दुनिया का चक्कर लगाने निकली भारतीय नौसेना की महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए. 'सागर परिक्रमा' के अपने चुनौतीपूर्ण अभियान पर हैं। इस अभियान के पहले चरण में 38 दिनों तक समुद्र में कठिन मौसम का सामना करने के बाद वे भारत से फ्रेमैंटल, ऑस्ट्रेलिया पहुंची हैं।

'सागर परिक्रमा' के तहत दोनों महिला अधिकारी 40,000 किमी से अधिक की दूरी तय करेंगी। ऑस्ट्रेलिया में दोनों महिला अधिकारियों ने संसद का दौरा किया और कई महत्वपूर्ण सांसदों से बातचीत की। ऑस्ट्रेलियाई संसद पहुंचने पर यहां सांसदों ने दुनियाभर में उनकी यात्रा के लिए अच्छी हवा की कामना की ताकि हवा के सहारे होने वाली उनकी यह यात्रा सफल हो सके।

पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई संसद ने भारतीय नौसेना नौकायन पोत तारिणी के चालक दल को सम्मानित भी किया। लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. और रूपा ए. की यात्रा 'नाविका सागर परिक्रमा' 2 अक्टूबर को गोवा के आईएनएस मंडोवी के महासागर नौकायन नोड से प्रारंभ हुई थी। नाविका सागर परिक्रमा 21,600 समुद्री मील या लगभग 40,000 किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए पांच चरणों में पूरी होगी। यात्रा का पहला चरण पूरा हो गया है।

इसमें गोवा से फ्रेमेंटल, ऑस्ट्रेलिया तक का सफर पूरा किया गया है। दूसरे चरण में फ्रेमंटल से लिटलटन, न्यूजीलैंड तक की समुद्री यात्रा की जाएगी। नौसेना के मुताबिक यह यात्रा 8 महीने की अवधि में पूरी होगी। इन आठ महीनों में महिला अधिकारियों की जोड़ी बिना किसी बाहरी सहायता के केवल पवन ऊर्जा पर निर्भर रहेगी। भारतीय नौसैनिक महिला अधिकारियों ने गार्डन आइलैंड में रॉयल ऑस्ट्रेलिया नेवी बेस एचएमएएस का दौरा भी किया है।

आईएनएस तारिणी के जरिए 'सागर परिक्रमा' कर रहे इस भारतीय क्रू को ऑस्ट्रेलियाई बेस के कमांडिंग ऑफिसर का आतिथ्य मिला। नौसेना के मुताबिक लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. और रूपा ए. अपनी यात्रा में सबसे खतरनाक समुद्री मार्गों से गुजरेंगी। इन खतरनाक समुद्री मार्गों में तीन महान केप शामिल हैं, जिनमें केप लीउविन, केप हॉर्न और केप ऑफ गुड होप के आसपास का खतरनाक मार्ग शामिल है।

--आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम