विपक्ष के नेताओं को संविधान नहीं, फतवों पर विश्वास : आचार्य प्रमोद कृष्णम
फिरोजाबाद, 17 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उलेमाओं की ओर से महा विकास अघाड़ी के पक्ष में फतवा जारी करने को लेकर कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इसे देश का दुर्भाग्य बताया है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, "देश संविधान से चलेगा फतवों से नहीं। वह दौर चला गया जब कुछ लोग फतवा जारी कर सरकारें बना लेते थे और बिगाड़ देते थे। अब भी विपक्ष के कुछ नेता हैं जो फतवों पर विश्वास करते हैं, संविधान पर नहीं। यह देश और लोकतंत्र का दुर्भाग्य है।"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि पूरा देश और दुनिया जानती है कि कौन लोग देश को जातियों में विभाजित करना चाहते है। ऐसे लोग जब भारत से बाहर जाते हैं तो भारत को बदनाम करते हैं। ये वही लोग हैं जो सत्ता का सिंहासन पाने के लिए भारत को बांटना चाहते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 'बंटोगे तो कटोगे'। ऐसे में हम आज यह प्रण लेते हैं कि न हम बंटने देंगे और न ही कटने देंगे।"
ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को पत्र लिखकर महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए अपना समर्थन देने की पेशकश की थी। इसे लेकर महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता किरीट सोमैया ने कहा कि कुछ मुस्लिम समूह, खासकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और उलेमा काउंसिल, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी (एमवीए) से जुड़कर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। इन संगठनों द्वारा मुसलमानों को भाजपा के खिलाफ लामबंद किया जा रहा है और उन्हें यह संदेश दिया जा रहा है कि जो मुसलमान भाजपा के साथ है, उनका हुक्का-पानी बंद किया जाए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में "वोट जिहाद" का एक सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है।
--आईएएनएस
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