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'वन दरोगा' पर नवनियुक्त अभ्यर्थियों में खुशी, निष्पक्ष और शीघ्र भर्ती प्रक्रिया के लिए सीएम योगी को सराहा

लखनऊ, 22 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन रोजगार के तहत राजधानी के लोकभवन में शुक्रवार को नवनियुक्त वन दरोगाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस मौके पर नवनियुक्त अभ्यर्थियों ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए खुशी जाहिर की।
 
'वन दरोगा' पर नवनियुक्त अभ्यर्थियों में खुशी, निष्पक्ष और शीघ्र भर्ती प्रक्रिया के लिए सीएम योगी को सराहा

लखनऊ, 22 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन रोजगार के तहत राजधानी के लोकभवन में शुक्रवार को नवनियुक्त वन दरोगाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस मौके पर नवनियुक्त अभ्यर्थियों ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए खुशी जाहिर की।

उन्नाव के रहने वाले अमित कुमार दीक्षित ने कहा, "मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुख्यमंत्री योगी द्वारा मुझे नियुक्ति पत्र मिला। यह मेरे लिए बहुत ही ऐतिहासिक पल है। इससे पहले मैंने सेना में 18 साल तक देश की सेवा की है। सेना में सिखाया जाता है कि अपना काम ईमानदारी से करें। वहीं यह भर्ती प्रक्रिया भी सीएम योगी और प्रदेश सरकार के नेतृत्व में बहुत ही निष्पक्षता के साथ संपन्न हुई है, जिसके कारण मेरा चयन हुआ है।"

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार और वर्तमान सरकार में नौकरी मिलने में यह अंतर आया है कि अगर आप मेहनत करेंगे तो नौकरी मिलेगी, "जिसका जीता-जागता सबूत मैं खुद हूं"। मैं पूर्व सैनिक हूं और 18 साल के बाद 42 वर्ष की उम्र में मुझे दोबारा नियुक्ति पत्र मिला है।

बाराबंकी की रहने वाली संध्या अवस्थी ने कहा कि यूपीएसएसएससी के अंतर्गत यह भर्ती बहुत ही निष्पक्षता और शीघ्रता से पूर्ण हुई है। राज्य में डबल इंजन की सरकार है और हम कह सकते हैं कि "योगी है तो मुमकिन है"।

परीक्षाओं की निष्पक्षता को लेकर उन्होंने कहा, "कल ही 60 हजार यूपी पुलिस भर्ती का रिजल्ट आया है, जिसमें महिलाओं को 20 प्रतिशत आरक्षण भी दिया गया है। वन दरोगा में भी 140 महिलाओं का अलग से रिजर्वेशन था। ऐसे में योगी सरकार की पहल बहुत अच्छी है।"

रोजगार में महिलाओं को मिल रहे समान अधिकार को लेकर उन्होंने कहा कि अब तक महिलाएं केवल चूल्हा-चौका और हाथों में मेहंदी सजाने का काम करती थीं, लेकिन अब वे अपने हाथ में रिवॉल्वर भी सजाएंगी। यह बहुत खुशी की बात है कि महिलाएं आगे आ रही हैं, अपने हक को जान रही हैं और योगदान दे रही हैं।

--आईएएनएस

एससीएच/एकेजे