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मुफ्त योजनाओं को लेकर अनिल विज ने केजरीवाल को घेरा, देश की राजनीति खराब करने का आरोप

अंबाला, 10 नवंबर (आईएएनएस)। हरियाणा के परिवहन एवं बिजली मंत्री और दिग्गज भाजपा नेता अनिल विज ने रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए 'कांग्रेस' और 'आप' पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने केजरीवाल पर देश की राजनीति को खराब करने का आरोप लगाया।
 
मुफ्त योजनाओं को लेकर अनिल विज ने केजरीवाल को घेरा, देश की राजनीति खराब करने का आरोप

अंबाला, 10 नवंबर (आईएएनएस)। हरियाणा के परिवहन एवं बिजली मंत्री और दिग्गज भाजपा नेता अनिल विज ने रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए 'कांग्रेस' और 'आप' पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने केजरीवाल पर देश की राजनीति को खराब करने का आरोप लगाया।

लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि भारतीय कर ढांचा सिर्फ गरीबों को लूटने के लिए बनाया गया है। इसके जवाब में अनिल विज ने कांग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय कर ढांचा कांग्रेस के राज में बना हुआ था। हमने आयकर टैक्स सिस्टम में सुधार का काम किया। इसमें जीएसटी को लाया।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को शायद पता नहीं है कि उनकी सरकार के प्रतिनिधि भी जीएसटी काउंसिल की सभा में बैठते हैं। राहुल गांधी कहीं से भी बोलना शुरू कर देते हैं। ऐसे में राहुल गांधी को पहले सारे विषयों की जानकारी लेनी चाहिए और फिर कुछ बोलना चाहिए।

आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है भाजपा और कांग्रेस शासित राज्यों में लोगों को मुफ्त बिजली की योजना नहीं मिल रही है। इस पर अनिल विज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अब कह दिया है कि सरकारों को मुफ्त चीजें बांटने से पहले सोचना चाहिए। अरविंद केजरीवाल ने सारे देश की राजनीति को खराब कर दिया है।

उन्होंने कहा कि 'आप' ने जिन चीजों का वादा किया, वो खुद उनके राज्यों के लोगों को नहीं मिल रही है। दिल्ली लोकसभा चुनाव में सभी सातों सीटों पर हरा कर लोगों ने मैसेज दे दिया है कि उनकी नीतियां ठीक नहीं हैं।

हरियाणा में कांग्रेस की हार को लेकर एक बार फिर कांग्रेस ने रिव्यू मीटिंग का आयोजन किया, इसमें खड़गे ने सिर्फ ईवीएम के मुद्दे को उठाने की बात कही, इस पर तंज कसते हुए हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा कि कांग्रेस ने रोने का मापदंड तय कर लिया है, जब हार जाते हैं, तो ईवीएम का रोना शुरू हो जाता है और जहां वे जीतते हैं, वहां कुछ नहीं बोलते।

--आईएएनएस

एससीएच/सीबीटी