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चंबल के बीहड़ में मोहन सरकार की खेती की तैयारी

भोपाल 12 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के चंबल इलाके के बीहड़ की पहचान डकैतों के बसेरे के तौर पर रही है। अब राज्य की मोहन यादव सरकार यहां की तस्वीर बदलने की तैयारी में है और बीहड़ में खेती हो, इसके प्रयास तेज हो गए हैं।
 
चंबल के बीहड़ में मोहन सरकार की खेती की तैयारी

भोपाल 12 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के चंबल इलाके के बीहड़ की पहचान डकैतों के बसेरे के तौर पर रही है। अब राज्य की मोहन यादव सरकार यहां की तस्वीर बदलने की तैयारी में है और बीहड़ में खेती हो, इसके प्रयास तेज हो गए हैं।

राज्य सरकार की कैबिनेट की बैठक बुधवार को मुख्यमंत्री यादव की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में डकैत समस्या खत्म होने के बाद बीहड़ के बेहतर उपयोग की चर्चा हुई और यहां झांसी के कृषि विश्वविद्यालय से संबंधित हॉर्टिकल्चर के एक महाविद्यालय की स्थापना का फैसला लिया गया है।

राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों और चर्चा की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि चंबल का बीहड़ पहले डाकुओं के नाम से विख्यात था, अब वहां डाकू नहीं रहे, मगर जमीन का सदुपयोग हो, इसके लिए जरूरी है कि सिंचाई व्यवस्था हो। इसके लिए नदी जोड़ो योजना से सिंचाई के इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके साथ ही झांसी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत हॉर्टिकल्चर कॉलेज की स्थापना की जा रही है।

इस कॉलेज की स्थापना के लिए केंद्र सरकार 1000 करोड़ रुपए दे रही है। यह हॉर्टिकल्चर कॉलेज चंबल ग्वालियर क्षेत्र के लिए उपलब्धि होगी, क्योंकि अब फसल चक्र में बदलाव लाने का समय आ गया है और इसलिए बहुत सारे राज्यों ने हॉर्टिकल्चर में बहुत सारी प्रगति की है और हॉर्टिकल्चर उत्पादन को निर्यात कर रहे हैं। वहां महाविद्यालय बनेगा तो हमारे किसानों को इसका लाभ मिलेगा और फसल चक्र बदलने में यह महाविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

मंत्री विजयवर्गीय ने राज्य में आम आदमी की बदलती स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2004 में राज्य के प्रति व्यक्ति की आय 11 हजार रुपये हुआ करती थी, जो अब बढ़कर एक लाख 52 हजार से भी ज्यादा हो गई है। यह राज्य की विकास की गति दर्शाता है।

--आईएएनएस

एसएनपी/सीबीटी