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एनसीआर में हवा अभी भी जहरीली, स्कूल चल रहे है ऑनलाइन

नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में अभी भी हवा जहरीली बनी हुई है और लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। दिल्ली के सभी इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक श्रेणी में पहुंच चुका है। वहीं अगर बात करें तो दिल्ली से सटे गाजियाबाद के लोनी में भी हवा काफी ज्यादा जहरीली है। खराब वायु गुणवत्ता को देखते हुए नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली में अभी भी स्कूल ऑनलाइन चल रहे हैं।
 
एनसीआर में हवा अभी भी जहरीली, स्कूल चल रहे है ऑनलाइन

नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में अभी भी हवा जहरीली बनी हुई है और लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। दिल्ली के सभी इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक श्रेणी में पहुंच चुका है। वहीं अगर बात करें तो दिल्ली से सटे गाजियाबाद के लोनी में भी हवा काफी ज्यादा जहरीली है। खराब वायु गुणवत्ता को देखते हुए नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली में अभी भी स्कूल ऑनलाइन चल रहे हैं।

एनसीआर में हवा अभी भी साफ नहीं हुई है। अभी भी कक्षा 12 तक के स्कूल बंद हैं। कभी दिन में मौसम साफ रहता है तो शाम को धुंध जैसा मौसम बना रहता है। तो कभी दिन निकलते ही धुंध है। धूप खिलने पर धुंध छंट जा रही है, लेकिन दिन में अलग अलग क्षेत्रों में मौसम खराब बना हुआ है। दिल्ली में अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो एवरेज 392 एक्यूआई बना हुआ है। वही आनंद विहार में एक्यूआई 440, रोहिणी में 421 और विवेक विहार में एक्यूआई 419 बना हुआ है। इसी तरह दिल्ली के लगभग सभी इलाके में हाल बेहाल है।

ऐसे में अगर गाजियाबाद की बात करें तो दिल्ली से गाजियाबाद के लोनी का इलाका बिल्कुल सटा हुआ होने की वजह से यहां पर भी हवा काफी ज्यादा जहरीली हो चुकी है। जबकि गाजियाबाद के अन्य इलाकों में कुछ राहत जरूर दिखाई दे रही है। गाजियाबाद में एवरेज वायु गुणवत्ता एक तरफ जहां 285 है तो वहीं लोनी में एक्यूआई 331 पर पहुंचा हुआ है। लगातार कंस्ट्रक्शन पर रोक के साथ-साथ अन्य उपाय किए जा रहे हैं लेकिन फिर भी बढ़ते प्रदूषण से निजात मिलती नहीं दिखाई दे रही है। दिल्ली से सटे नोएडा में भी औसत वायु गुणवत्ता 285 है और नोएडा के सेक्टर 116 में एक्यूआई 326 पर बना हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल अभी स्थिति में सुधार आने के हालात नज़र नहीं आ रहे हैं। अगर बारिश होती है और तेज हवा चलती है तभी वातावरण से ये स्मॉग की चादर हटने के आसार हैं।

--आईएएनएस

पीकेटी/एएस