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अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वे के बाद सभी चीजें सामने आएंगी : सीपी जोशी

नई दिल्ली/जयपुर, 28 नवंबर (आईएएनएस)। सिविल कोर्ट की तरफ से राजस्थान में अजमेर शरीफ दरगाह का सर्वे कराने के आदेश के बाद से यह मामला तूल पकड़ चुका है। गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए राजस्थान के चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी से सांसद सीपी जोशी और विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमितोष पारीक ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
 
अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वे के बाद सभी चीजें सामने आएंगी : सीपी जोशी

नई दिल्ली/जयपुर, 28 नवंबर (आईएएनएस)। सिविल कोर्ट की तरफ से राजस्थान में अजमेर शरीफ दरगाह का सर्वे कराने के आदेश के बाद से यह मामला तूल पकड़ चुका है। गुरुवार को आईएएनएस से बात करते हुए राजस्थान के चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी से सांसद सीपी जोशी और विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमितोष पारीक ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

सिविल कोर्ट द्वारा अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वे का आदेश दिए जाने को लेकर भाजपा सांसद सीपी जोशी ने कहा कि कोर्ट के इस निर्णय का सभी पक्षों को स्वागत करना चाहिए। अगर सर्वे होगा, तो सभी चीजें सामने आ जाएंगी। इसमें किसी को खुश और नाराज होने की आवश्यकता नहीं है। अगर हम कहीं गलत नहीं है, तो इसमें बहकने की जरूरत नहीं है। कोर्ट के निर्णय के बाद सर्वे होगा, जिसमें जो भी पक्ष सामने आएगा, उसका हम लोग स्वागत करेंगे।

इस मामले को लेकर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमितोष पारीक ने कहा कि यह विवाद हिंदू पक्ष द्वारा वहां शिव मंदिर होने और उसे तोड़कर दरगाह बनाए जाने के दावे पर आधारित है। यह विषय न्यायालय के समक्ष है, और वहां वर्शिप राइट की बहाली की मांग की गई है। हिंदू पक्ष का मानना है कि वहां हिंदू मंदिर था, जिसको तोड़कर दरगाह बनाई गई। वहां पर शिव मंदिर था कि नहीं यह न्यायालय तय करेगा।

पारीक ने अपने बयान में ‘अजमेर हिस्टोरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव’ नामक पुस्तक का हवाला दिया, जिसे तत्कालीन एडिशनल कमिश्नर हरबन शारदा ने लिखा था। उन्होंने कहा, शारदा जी की पुस्तक में यह उल्लेख है कि दरगाह के निर्माण के लिए न तो जमीन का अधिग्रहण किया गया और न ही वहां कोई खाली जमीन थी। कोर्ट ने इस मामले में पुरातत्व विभाग और सरकार को नोटिस जारी किया है।

उन्होंने यह भी कहा कि दरगाह में आज भी ब्राह्मणों द्वारा चंदन घिसने और लगाने की प्रथा जारी है, जिसे 'घड़ियाली' कहा जाता है। उन्होंने ज्ञानवापी मामले का जिक्र करते हुए कहा, "जैसे नंदी भगवान काशी में महादेव की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वैसे ही महादेव का असीम प्रेम इस प्रथा में भी झलकती है। आज भी हिंदू बड़ी संख्या में दरगाह के अंदर जा रहे हैं। महादेव की भक्ति के कारण हिंदू आज बड़ी संख्या में वहां पर पहुंचते हैं।

--आईएएनएस

एससीएच/जीकेटी