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Nagaur के कसबे में आखिर कब खत्म होगा रोडवेज बस का इंतजार ? 30 गांवों के लोग झेल रहे परिवहन सुविधाओं का भाव

 
Nagaur के कसबे में आखिर कब खत्म होगा रोडवेज बस का इंतजार ? 30 गांवों के लोग झेल रहे परिवहन सुविधाओं का भाव 

रेलवे की दृष्टि से नागौर जिले का मेड़ता रोड जंक्शन देश के चार प्रमुख महानगरों सहित कई बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां से प्रतिदिन 80 से अधिक रेलगाड़ियां चलती हैं। लेकिन नागौर जिला मुख्यालय से रोडवेज सेवा से नहीं जुड़ पाया है। मेड़ता रोड व आसपास के 30 गांवों में रोडवेज नजर नहीं आती। ग्रामीण निजी बसों में सफर करने को मजबूर हैं। ग्रामीण रोडवेज बस का इंतजार कर रहे हैं। नागौर जिले का मेड़ता रोड जंक्शन रेल परिवहन की दृष्टि से अलग पहचान रखता है। जबकि राजस्थान पथ परिवहन निगम की बस सेवा भी नजर नहीं आती।

मेड़ता रोड व आसपास के गांवों के ग्रामीण मेड़ता रोड से संचालित रेलगाड़ियों व निजी बसों में सफर करते हैं। नागौर, अजमेर, जोधपुर, जैतारण, बुटाटी, खींवसर, डेगाना, सीकर सहित अन्य स्थानों के लिए प्रतिदिन निजी बसें चलती हैं। लेकिन रोडवेज बस सेवा की कमी महसूस की जा रही है। कस्बे से अजमेर, बीकानेर, नागौर, जयपुर, हरिद्वार के लिए सीधे बसें संचालित की जा सकती हैं। लेकिन रोडवेज प्रबंधन की ढिलाई के चलते आजादी के 78 साल बाद भी नागौर जिला मुख्यालय रोडवेज सेवा से नहीं जुड़ पाया है। रोडवेज बस चलाने की मांग हर केंद्रीय व राज्य मंत्री, जनप्रतिनिधि से की गई, लेकिन किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई। ग्रामीण रामनिवास लटियाल, कैलाश चंद शर्मा, कमल शर्मा, रामेश्वर गहलोत, शिभू शर्मा आदि ने बताया कि रोडवेज बस चलाने की मांग लंबे समय से की जा रही है।

जोधपुर-ओलादन के बीच चलने वाली एकमात्र बस भी चार साल से बंद है। लोग निजी बसों में यात्रा करने व मनमाना किराया चुकाने को मजबूर हैं। यहां से प्रतिदिन नागौर, जोधपुर, अजमेर, ब्यावर, पाली, जैतारण के लिए यात्री सफर करते हैं। मेड़ता रोड धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण कस्बा है। यहां प्राचीन ब्रह्माणी मंदिर व जैन तीर्थ भगवान पार्श्वनाथ मंदिर है। मेड़ता सिटी स्थित भक्त शिरोमणि मीरा बाई के मंदिर, धार्मिक नगरी पुष्कर, भंवाल माता, पावनी नदी लाबा जाटान, बुटाटी धाम आदि स्थानों पर देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। वे यहां ट्रेन से पहुंचते हैं और फिर निजी बसों व निजी वाहनों से विभिन्न स्थानों पर जाते हैं। यदि रोडवेज बसें चलनी शुरू हो जाएं तो काफी राजस्व प्राप्त हो सकता है।