नागौर में सरकारी जमीन को लेकर हिंसक झड़प, पथराव और लाठीचार्ज से दहशत, कई घायल
नागौर शहर में शुक्रवार दोपहर सरकारी जमीन पर कब्जे और तारबंदी की पट्टियां तोड़ने को लेकर हुआ विवाद हिंसक रूप ले लिया। प्रताप सागर तालाब के पास दो पक्ष आमने-सामने आ गए, जिसके बाद इलाके में जमकर पथराव हुआ और लाठियों से एक-दूसरे पर हमला किया गया। अचानक भड़की इस हिंसा से पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई और लोगों में दहशत फैल गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रताप सागर तालाब के आसपास स्थित सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर पहले से ही तनाव चल रहा था। शुक्रवार दोपहर तारबंदी हटाने और पट्टियां तोड़ने को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी शुरू हुई, जो कुछ ही देर में झगड़े में बदल गई। देखते ही देखते दोनों ओर से पत्थर चलने लगे और लाठियां निकल आईं। संघर्ष इतना उग्र हो गया कि मौके पर मौजूद लोग अपनी जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे।
इस हिंसक झड़प में कई लोगों के घायल होने की सूचना है। घायलों को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। कुछ घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को काबू में करने का प्रयास किया। अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर क्षेत्र में तैनात किया गया, ताकि स्थिति और न बिगड़े।
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया और दोनों पक्षों को अलग किया। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन एहतियात के तौर पर इलाके में पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है। घटना के बाद प्रताप सागर तालाब और आसपास के क्षेत्रों में तनाव का माहौल बना हुआ है।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि विवाद की जड़ सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर चल रहा पुराना विवाद है। पुलिस दोनों पक्षों से पूछताछ कर रही है और यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि हिंसा की शुरुआत किसने की। साथ ही, घटना के वीडियो और फोटो भी खंगाले जा रहे हैं, ताकि दोषियों की पहचान की जा सके।
प्रशासन की ओर से आम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामले में संबंधित धाराओं में केस दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है।
