राजस्थान के स्कूलों में अनोखी पहल! स्कूलों में अब सिखाए जाएंगे वजन घटाने के हेल्दी उपाय, बच्चों में बढ़ता मोटापा बना चिंता का कारण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के बच्चों में बढ़ते मोटापे पर चिंता जताए जाने के बाद अब शिक्षा विभाग ने बच्चों में मोटापा कम करने की तैयारी कर ली है। प्रारंभिक शिक्षा (योजना) विभाग जयपुर की संयुक्त सचिव मुन्नी मीना के निर्देशों की अनुपालना में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने 9 अप्रैल को एडवाइजरी जारी की है। जाट ने पत्र में बताया कि प्रधानमंत्री ने 'परीक्षा पे चर्चा-2025' और 'मन की बात' में भारत में स्कूली विद्यार्थियों में 'बढ़ते बचपन के मोटापे' को लेकर चिंता जताई है। साथ ही उन्होंने केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के आदेश की अनुपालना में राज्य के सभी संयुक्त निदेशक स्कूली शिक्षा को 'बढ़ते बचपन के मोटापे' को कम करने के लिए 17 बिंदुओं के साथ जारी एडवाइजरी की पालना करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत नागौर जिले के स्कूलों में बच्चों में मोटापे की रोकथाम के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसमें पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को शामिल किया गया है। स्कूलों में बच्चों के लिए बनने वाले दोपहर के भोजन में तेल का उपयोग घटाकर 10 प्रतिशत किया जाएगा।
अधिक तेल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है
एडवाइजरी में कहा गया है कि खाद्य तेल के अत्यधिक सेवन से मोटापा, हृदय रोग और पाचन संबंधी कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। इसलिए छात्रों में स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए दैनिक भोजन में तेल के सेवन के बारे में जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है। छात्रों को खाद्य तेल के अत्यधिक सेवन के दुष्प्रभावों और मोटापे से इसके संबंध के बारे में सूचित करने की तत्काल आवश्यकता है। पीएम पोषण योजना स्वस्थ खाने की आदतों को विकसित करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती है, जो छात्रों को कम से कम तेल में ताजा, पौष्टिक भोजन तैयार करने और खाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
स्कूल पोषण उद्यानों से सब्जियां खिलाएं
एडवाइजरी में कहा गया है कि स्कूल पोषण उद्यानों में उगाई गई सब्जियों का सीधे पोषण में उपयोग किया जाना चाहिए, जो पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ ताजगी भी प्रदान करती हैं। बागवानी में सक्रिय रूप से भाग लेने से छात्रों में पौष्टिक भोजन के प्रति रुचि विकसित होगी। वे प्रकृति से जुड़ेंगे और शारीरिक रूप से सक्रिय रहेंगे।
कार्यक्रमों के माध्यम से बताए जाएंगे लाभ
छात्रों में कम खाद्य तेल के सेवन के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इसमें भोजन में तेल के उपयोग को कम करने के महत्व पर सेमिनार आयोजित करने, गृह विज्ञान महाविद्यालयों और स्वास्थ्य संस्थानों से पोषण विशेषज्ञों को आमंत्रित करने, स्वस्थ भोजन की आदतों पर स्कूल स्तर पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित करने और विजेताओं को पुरस्कृत करने के निर्देश शामिल हैं। पोषण और स्वास्थ्य पर वार्ता, समूह चर्चा और निबंध लेखन जैसी 'इको-क्लब गतिविधियों' को आयोजित करने और उनमें भागीदारी को प्रोत्साहित करने के भी निर्देश हैं। स्वस्थ भोजन की आदतों के महत्व को समझाने के लिए छात्रों, अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों को शामिल करते हुए स्कूल प्रबंधन समिति की विशेष बैठकें आयोजित की जाएंगी।
स्वस्थ भोजन पर जोर
छात्रों को उबालकर, भाप में पकाकर, ग्रिल करके और बेक करके स्वस्थ खाना पकाने की तकनीक के बारे में बताया जाएगा। खाद्य तेल की मात्रा मापने को प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों और स्नैक्स की खपत को कम करने और संतुलित पोषण के लिए फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर आहार देने पर जोर दिया जाएगा।