Aapka Rajasthan

राजस्थान में तुलछाराम कालरा गैंग का खुलासा, पुलिस अधिकारी के पद से धोना पड़ा हाथ, जानें मामला

 
राजस्थान में तुलछाराम कालरा गैंग का खुलासा, पुलिस अधिकारी के पद से धोना पड़ा हाथ, जानें मामला 

नागौर न्यूज़ डेस्क, तुलछाराम की शादी 2006 में नविता से हुई थी. इसके बाद बीकानेर में चाणक्य नाम से कोचिंग खोल ली. बीकानेर में ब्लूटूथ से नकल करवाने वाली गैंग का मास्टरमाइंड एसपी नवीता खोखर का पति निकला. वह 1991 में सब-इंस्पेक्टर बना था. 

तुलछाराम लूट कराने के आरोप में हुआ था गिरफ्तार  

डीडवाना में उसकी पोस्टिंग थी. आरोप है कि दो कांस्टेबल और दो परिचित युवकों मध्यम से हवाला की रकम ले जा रहे दो लोगों से लूट कराया. मामले का खुलासा हुआ तो आरोपी तुलछाराम गिरफ्तार कर लिया गया. 1993 में सस्पेंड कर दिया गया. बाद में कोर्ट से लूट के मामले में बरी हो गया. इसके बाद चूना पत्थर का भट्टा लगा लिया. जोधपुर में 2004 में चाणक्य नाम की कोचिंग खोल ली. 

तुलछाराम भतीजे के साथ सब इंस्पेक्टर की परीक्षा में बैठकर कॉपी सॉल्व किया  

तुलछाराम वर्ष 2010 में भतीजे पोरव कालेरा के साथ उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा में बैठा. दोनों का एक ही परीक्षा केन्द्र और एक ही कमरे में रोल नंबर आया. आरोपी ने भतीजे पोरव की कॉपी लेकर उसका पेपर सॉल्व किया. 2014 में रिजल्ट आया तो पोरव की 409वीं रैंक बनी. 

तुलछाराम ने आरएएस की परीक्षा पास की थी

आरोपी के साथी ने आरपीएससी से शिकायत की. जांच में आरोप सही मिला. अजमेर के सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज कराया. आरोपी तुलछाराम ने आरएएस भर्ती परीक्षा पास कर ली थी. इसकी 19वीं रैंक थी. लेकिन, अजमेर के सिवल गिरफ्तार होने की वजह से उसका चयन आरएएस में नहीं हुआ. 

भतीजा पोरव कालेरा भी थानेदार नहीं बन सका 

2014 में पोरव कालेरा 2014 में सेकेंड ग्रेड टीचर परीक्षा में नकल करवाने के लिए पेपर सॉल्व करते पकड़ा गया. इसकी वजह से सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में दस्तावेज सत्यापित नहीं करा पाया. थानेदार नहीं बन सका. 

जगदीश बिश्नोई और तुलछाराम कालेरा का अलग-अलग गैंग है 

पेपर लीक में जगदीश बिश्नोई और तुलछाराम कालेरा अलग-अलग गैंग है. आरोपी जगदीश बिश्नोई गैंग परीक्षा से पहले पेपर लीक करवाती थी. तुलछाराम कालेरा की गैंग परीक्षा में पेपर बांटने के दौरान लीक करवाती थी. कई बार तुलछाराम गैंग आरोपी जगदीश बिश्नोई गैंग से भी पेपर ले लेती थी.