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किले की ढाल स्थित सड़क बदहाल, धंसे चैंबर और टूटे रास्ते से बढ़ी दुर्घटनाओं की आशंका

 
किले की ढाल स्थित सड़क बदहाल, धंसे चैंबर और टूटे रास्ते से बढ़ी दुर्घटनाओं की आशंका

नागौर शहर के किले की ढाल स्थित सड़क इन दिनों बदहाल स्थिति में है। सड़क पर कई जगह चैंबर धंसे हुए हैं, जिससे आमजन को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जगह-जगह से टूटी सड़क न केवल यातायात को बाधित कर रही है, बल्कि हादसों को भी खुला न्योता दे रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मार्ग शहर के व्यस्त इलाकों में से एक है, बावजूद इसके इसकी अनदेखी की जा रही है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सड़क पर कई स्थानों पर सीवर और नालियों के चैंबर सड़क की सतह से नीचे धंस गए हैं। रात के समय या बारिश के दौरान ये चैंबर दिखाई नहीं देते, जिससे दोपहिया वाहन चालकों के लिए खतरा और बढ़ जाता है। आए दिन वाहन चालक इन गड्ढों में फिसल जाते हैं या संतुलन खो बैठते हैं, जिससे चोटिल होने की घटनाएं सामने आ रही हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन समय-समय पर सड़क पर पेचवर्क जरूर करवाता है, लेकिन यह स्थायी समाधान साबित नहीं हो पा रहा। कुछ ही दिनों में सड़क फिर से उखड़ जाती है और चैंबर दोबारा धंस जाते हैं। इससे लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। उनका कहना है कि जब तक सड़क का पूर्ण रूप से पुनर्निर्माण नहीं किया जाएगा, तब तक समस्या बनी रहेगी।

टूटी हुई सड़क से खास तौर पर दुपहिया वाहन चालकों, स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। सुबह और शाम के समय यहां यातायात का दबाव अधिक रहता है। ऐसे में गड्ढों और धंसे चैंबरों के कारण जाम की स्थिति भी बन जाती है। कई बार चार पहिया वाहन भी इन गड्ढों में फंस जाते हैं, जिससे सड़क पर लंबा जाम लग जाता है।

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि सड़क की खराब स्थिति का असर उनके व्यवसाय पर भी पड़ रहा है। ग्राहक इस मार्ग से आने से कतराने लगे हैं। बारिश के दिनों में हालात और भी बदतर हो जाते हैं, जब सड़क पर पानी भर जाता है और गड्ढों का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है।

इस संबंध में नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि सड़क की स्थिति उनके संज्ञान में है। जल्द ही तकनीकी टीम से निरीक्षण करवाकर आवश्यक मरम्मत कार्य कराया जाएगा। अधिकारियों ने यह भी आश्वासन दिया है कि भविष्य में स्थायी समाधान के लिए सड़क के पुनर्निर्माण की योजना बनाई जाएगी।

हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा। जब तक जमीनी स्तर पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक हादसों का खतरा बना रहेगा। नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द सड़क को दुरुस्त किया जाए, ताकि लोगों को सुरक्षित और सुगम आवागमन मिल सके।