Nagaur का किसान पारंपरिक खेती छोड़कर बागवानी की ओर बढ़ रहा है
50 से 95 प्रतिशत तक मिलता है अनुदान
राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत जिले में अब तक सामुदायिक जल स्त्रोत, फलदार बगीचा स्थापना, वर्मी कम्पोस्ट, प्याज भण्डारण संरचना, पॉली हाउस, शेडनेट हाउस, प्लास्टिक मल्च, लॉ-टनल पर विभाग की ओर से 50 से 95 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। साथ ही ड्रीप संयंत्र, फव्वारा संयंत्र स्थापना पर विभाग की ओर से 70 से 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
नागौर. छापरी खुर्द में किसानों ने तैयार किया सामूहिक जल स्रोत।
नागौर. जिले के कुराड़ा में पॉली हाउस में किसान ने लगाई खीरे की फसल।
एससी-एसटी वर्ग के किसानों में कम रुझान
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि उद्यानिकी विभाग की योजनाओं में सामान्य किसान तो रुचि दिखा रहे हैं, लेकिन एससी-एसटी वर्ग के किसानों की रुचि अपेक्षाकृत कम है। हालांकि इसके लिए प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है, फिर भी इसमें सुधार की आवश्यकता है। लघु एवं सीमांत किसानों को अनुदान भी अधिक दिया जाता है। जिले के किसानों में उद्यानिकी के प्रति अच्छा रुझान है। उद्यान विभाग की विभिन्न योजनाओं में जिले को आंवटित लक्ष्यों की पूर्ति कर ली गई है। केवल अनुसूचित जाति के कृषकों के आवेदन अनुदान प्राप्ति के लिए कम आ रहे हैं। इसके लिए प्रचार-प्रसार अधिकारियों व कार्मिकों की ओर से किया जा रहा है। अनुसूचित जाति के कृषकों के आवेदन प्राप्त होते ही तुरन्त स्वीकृति जारी की जा रही है। अनुदान भुगतान के लिए बजट की कोई कमी नहीं है।