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Nagaur देश में चार साल पहले होनी थी जनगणना, अब तक नहीं हुई

 
Nagaur देश में चार साल पहले होनी थी जनगणना, अब तक नहीं हुई
नागौर न्यूज़ डेस्क, नागौर जनगणना किसी देश में लोगों की केवल संख्या की गिनती नहीं है, यह निम्न स्तर पर निर्णय लेने के लिए जरूरी बहुमूल्य आंकड़े उपलब्ध कराती है। यह एक महत्वाकांक्षी अभ्यास है, जिसके जरिए प्रशासकों, नीति निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों और जनसंख्याविदों को ढेर सारे आंकड़े मिलते हैं। यह आंकड़े उन लोगों के लिए भी उपयोगी हैं, जो यह जानना चाहते हैं कि दुनिया भर में दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश भारत किस दिशा में आगे बढ़ रहा है। दरअसल, इन आंकड़ों की बदौलत ही सरकार राज्य को बजट आवंटित करती है। इन सब के बावजूद भारत में चार साल पहले होने वाली 2021 की जनगणना अब तक शुरू नहीं हो पाई है।हर वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस इसलिए मनाया जाता है कि ताकि जनसंख्या सम्बंधित समस्याओं पर वैश्विक चेतना जागृत की जा सके।

गौरतलब है कि भारत सरकार ने कोविड-19 संक्रमण के चलते 16वीं भारतीय जनगणना को टाल दिया था, लेकिन अब तक कोई नई तारीख जारी नहीं हो सकी है। हालांकि दुनिया के कई देशों ने भारत सरकार से अलग नजरिया अपनाते हुए माना कि आंकड़े जुटाना जरूरी काम है और कोविड की वजह से उसे रोका नहीं जाना चाहिए, बल्कि उन्होंने ये माना कि कोविड का असर लोक जीवन पर जिस तरह पड़ा है, उसकी जानकारी भी जनगणना में जुटाई जा सकती है।

लम्बे समय के लिए टल सकती है जनगणना

सूत्रों का कहना है कि 2021 की जनगणना अब लंबे समय तक के लिए टल चुकी है। यदि सब कुछ सामान्य तरीके से हुआ होता तो 2021 में सरकारी शिक्षक घर-घर जाकर देश में रहने वाले हर आदमी का आंकड़ा जुटा चुके होते, लेकिन अब जो स्थितियां बन रही हैं, उसमें यह कहना भी मुश्किल है कि जनगणना-2021 कभी होगी या नहीं। यदि इस बार जनगणना नहीं हुई तो 2030 में भी सरकार और सरकारी तथा निजी संस्थाएं 2011 यानी पिछली जनगणना के आंकड़ों के आधार पर नीतियां बना रही होंगी।