Aapka Rajasthan

Nagaur आंध्र प्रदेश में मजदूरी करने गए नेमाराम खुद ही परिवार पर बोझ बन गए

 
Nagaur आंध्र प्रदेश में मजदूरी करने गए नेमाराम खुद ही परिवार पर बोझ बन गए
नागौर न्यूज़ डेस्क, नागौर मकराना तहसील के गांव कल्याणपुरा का निवासी 27 वर्षीय नेमाराम मेघवाल परिवार को कर्ज से निजात दिलाने की मंशा से मेहनत मजदूरी करने आंध्रप्रदेश गया था, लेकिन उसे क्या पता था वह खुद ही परिवार पर बोझ बन जाएगा। पिछले एक साल से नेमाराम चारपाई पर लेटा जिंदगी काट रहा है। माता जशोदा बेटे की गम्भीर हालात देख आसूं नहीं रोक पा रही है। पहले पन्द्रह साल तक पति के बीमार रहने से उसके इलाज ने परिवार को कर्ज में डूबो दिया। अब बेटा एक वर्ष से कोमा में होने से जशोदा पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। जानकारी के अनुसार परिवार का कर्जा उतारने के लिए नेमाराम मजदूरी करने आंध्रप्रदेश गया था। वहां वह पत्थर खनन का कार्य करने लगा। कामकाज ठीक चल रहा था।

एक वर्ष पहले खनन दुर्घटना में वह गम्भीर रूप से जख्मी हो गया। उसकी रीड की हड्डी टूट गई और मस्तिष्क में गहरी चोट आ गई । परिवारजनों ने पहले तो उसका आंध्रप्रदेश में इलाज करवाया।बाद में इलाज के लिए अजमेर ले आए, लेकिन नेमाराम का इलाज नहीं हो सका। अत्यधिक गरीबी के कारण नेमाराम की मां जशोदा इलाज करवाकर आर्थिक रूप से काफी टूट चुकी है।नेमाराम पिछले एक वर्ष से घुटन भरी जिदंगी जीने को मजबूर है। दर्द से चिंखता हुआ वह दिनभर आंखों से आंसू बहाता रहता है।नेमाराम का गहरी चोट लगने से पेट से नीचे का शरीर निष्क्रीय हो गया है। चारपाई ही उसका सहारा बन कर रह गई है। शरीर बिल्कुल नहीं हिलता है। वह आंत्र असंयम बीमारी जूझ रहा है। वह शौच प्रेशर को भी नहीं रोक सकता और न हीं आंतडियों को नियंत्र में कर पाता है। पिछले एक वर्ष से पाइप के जरिए उसका खाना पीना चल रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन व भामाशाहों से उसके इलाज के लिए परिवार की आर्थिक मदद करने की गुहार लगाई है।