नागौर: ग्रामीण और किसानों का प्रदर्शन उग्र, पुलिस ने रोका तो करने लगे धक्का-मुक्की
नागौर में ग्रामीणों और किसानों द्वारा 7 दिनों से जारी प्रदर्शन मंगलवार दोपहर को उग्र हो गया। यह प्रदर्शन स्थानीय पशु प्रदर्शनी स्थल पर हो रहा था और किसानों की समस्याओं को लेकर चलाया जा रहा था। प्रदर्शनकारी मेड़ता में चल रहे किसान सम्मेलन के खिलाफ विरोध जताने के लिए वहां जाने की कोशिश कर रहे थे।
स्थानीय पुलिस ने सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रदर्शनकारियों को मेड़ता जाने से रोक दिया। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन शुरू में शांतिपूर्ण था, लेकिन जैसे ही प्रदर्शनकारी सम्मेलन स्थल की ओर बढ़े, स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इसके बाद पुलिस ने उन्हें समझाने और रोकने का प्रयास किया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनका उद्देश्य अपने क्षेत्र की कृषि और पशुपालन संबंधी समस्याओं को सीधे प्रशासन और संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाना था। उन्होंने मेड़ता में चल रहे किसान सम्मेलन को अपने मुद्दों की अनदेखी करने वाला बताया।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे प्रदर्शनकारियों के शांतिपूर्ण आंदोलन का सम्मान करते हैं, लेकिन कानून और व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखें और किसी तरह की हिंसा या तोड़फोड़ से बचें।
स्थानीय प्रशासन ने भी स्थिति पर नजर रखी और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। प्रशासन ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की जाएगी ताकि उनके मुद्दों को कानूनी और सही तरीके से सुना जा सके।
किसानों और ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी समस्याओं पर पिछले कई दिनों से कोई कार्रवाई नहीं की गई और यही कारण है कि उन्होंने उग्र प्रदर्शन का रास्ता अपनाया। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि उनके मुद्दों को संबंधित विभागों तक पहुंचाया जाएगा और जल्द समाधान के प्रयास किए जाएंगे।
