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नागौर: असंगठित श्रमिकों को योजनाओं के लिए पड़ रहे विभाग के चक्कर, लेबर इंस्पेक्टर की पावर सीज

 
नागौर: असंगठित श्रमिकों को योजनाओं के लिए पड़ रहे विभाग के चक्कर, लेबर इंस्पेक्टर की पावर सीज

जिले में असंगठित श्रमिकों को राज्य और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए श्रम विभाग के ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। विभागीय लापरवाही और प्रशासनिक अड़चनों के कारण मजदूरों को अपने हक की सुविधाओं के लिए लंबे इंतजार और झंझटों का सामना करना पड़ रहा है।

सूत्रों के अनुसार, श्रम विभाग ने हाल ही में दो जिलों के लेबर इंस्पेक्टरों की पावर सीज कर दी है। हालांकि उन्हें कार्यालय में कुर्सी पर बैठाया गया है, लेकिन उनके पास आवश्यक निर्णय लेने या योजनाओं को लागू करने की शक्ति नहीं है। इस कारण असंगठित श्रमिकों को योजनाओं के लिए बार-बार विभाग का चक्कर काटना पड़ रहा है।

मजदूरों का कहना है कि इस स्थिति से उनकी सरकारी योजनाओं तक पहुंच और समय पर लाभ प्रभावित हो रहा है। कई लोग लंबी दूरी तय कर कार्यालय पहुंचते हैं, लेकिन पावर सीज होने के कारण लेबर इंस्पेक्टर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि असंगठित श्रमिकों के लिए यह बेहद संवेदनशील मुद्दा है। भूख, मजदूरी, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े मामलों में सरकारी योजनाओं का सही समय पर लाभ सुनिश्चित करना आवश्यक है। विभागीय पावर सीज और प्रशासनिक जटिलताओं से इस लाभ तक पहुंच बाधित हो रही है।

श्रम विभाग के अधिकारी ने बताया कि यह अस्थायी कदम है और जल्द ही आवश्यक अधिकार और पावर दोबारा एक्टिव कर दी जाएगी, ताकि असंगठित श्रमिकों को योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके। उन्होंने मजदूरों से अपील की है कि वे धैर्य रखें और विभाग के निर्देशों का पालन करें।

स्थानीय सामाजिक संगठनों ने भी सरकार से आग्रह किया है कि असंगठित श्रमिकों की समस्याओं को गंभीरता से देखा जाए और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उनके पास पहुंचे, ताकि उन्हें बार-बार कार्यालय चक्कर लगाने की आवश्यकता न पड़े।