Nagaur सोसायटी का खाता खाली और लोन 60 लाख, कैसे सुधरेगी जेएलएन की हालत
नागौर न्यूज़ डेस्क, तकरीबन सात माह पहले चार करोड़ अस्सी लाख की मालिक रही जेएलएन अस्पताल की राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी पर अब साठ लाख की देनदारी चढ़ गई है। पिछले साल अप्रेल से अब तक सरकारी योजना अथवा अन्य मद से कोई पैसा सोसायटी के खाते में नहीं आया। ऐसे में जमा रकम तो ठिकाने लग ही गई, अपने काम-काज के लिए बाजार में उधार तक करना पड़ा। ऐसा नहीं है कि इसके लिए कोशिश नहीं हुई पर उसका नतीजा सिफर रहा। सूत्रों के अनुसार अस्पताल की मरम्मत का काम हो या फिर संविदा पर लगे सिक्योरिटी गार्ड, जांच व बिजली बिल विभिन्न योजना के तहत सोसायटी में जमा होने वाले पैसे से यह होता आया है। कलक्टर के नेतृत्व में अस्पताल चलाने के लिए राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी (आरएमआरएस) काम करती है। अंधता निवारण शिविर समेत अन्य शिविर/योजना के तहत आने वाला एक रुपया भी अप्रेल 2024 से अब तक नहीं आ पाया है। ऐसे में आगे भुगतान करना मुश्किल हो गया है।
हालत यह है कि किसी के उपचार के लिए कोई भी सामग्री खरीदनी हो तो पेमेंट करने के लिए पैसे नहीं हैं। उपचार के लिए इंप्लांट समेत अन्य सामग्री उधार मगाई जा रही है। पिछले साल जून यानी करीब सात माह तक सोसायटी के खाते में चार करोड़ अस्सी लाख रुपए जमा थे वो कब के खर्च हो गए। इसके अलावा अन्य जरूरी कार्य/ खरीदारी/पगार पर करीब साठ लाख की देनदारी सोयायटी के सिर पर चढ़ गई है।
बताया जाता है पहले मरीजों की पर्ची, एडमिशन, ऑक्शन से भी कुछ रकम आ जाती थी। इसके अलावा करीब एक करोड़ रुपए विभिन्न योजना के तहत सोसायटी को मिल जाते थे। अब पर्ची/एडमिशन के तहत मिलने वाला पैसा बंद हो गया। विकास की गतिविधि रूक सी गई है। नागौर के जेएलएन अस्पताल में कोई भी नया कार्य नहीं हो पा रहा। इस संबंध में पूरी जानकारी से संबंधित जिम्मेदारों को अवगत करा दिया है। संभवतया आज-कल में करीब एक करोड़ की राशि सोसायटी के खाते में ट्रांसफर हो जाएगी।
