Nagaur सनातन संस्कृति बचाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को जागृत रहने की आवश्यकता
नागौर न्यूज़ डेस्क, नागौर गोगेलाव गांव में सोमवार को भागवत कथा करते हुए संत हरिशरण महाराज ने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति के काम को अनवरत चलाने के लिए हिंदू समाज के प्रत्येक व्यक्ति को जागृत अवस्था में रहकर कार्य करना होगा, तभी भारत देश विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर होगा।
उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत, रामचरितमानस, गीता , महाभारत, सहित सारे वेद पुराण उपनिषद एक ही बात बताते हैं कि मानव मात्र की सेवा करना तथा नीति और नियमों के अंतर्गत चलकर मानव जीवन को सफल बनाना परम कर्तव्य है। वर्तमान में सनातन संस्कृति की विशेषताओं से ज्यादातर युवा परिचित नहीं है। आज भी विश्व सनातन की श्रेष्ठता को स्वीकार करता है, लेकिन देश के युवा इसकी श्रेष्ठता को स्वीकारने से बचते हैं। यह विडंबनापूर्ण स्थिति है। उन्होंने कहा कि कृष्ण भगवान थे, लेकिन उन्होंने महाभारत के युद्ध में पूरी सक्रियता से भाग लिया। आवश्यकतानुसार शस्त्र भी उठाया। कहने का अर्थ यह है कि धर्म की रक्षा करनी ही पड़ेगी। सनातन संस्कृति के लोगों को यह समझना होगा कि विश्व के तमाम बड़े देश अपनी संस्कृति पर गर्व करते हैं। इस भाव को खुद को भी आत्मसात करना होगानागौर. भागवत कथा पर प्रवचन करते संत हरिशरण महाराज व कथा के दौरान पूजन करते श्रद्धालु।