Nagaur सरकार कर रही राहत का दावा, तो शराब ठेकेदार आंदोलन के मूड में
नागौर न्यूज़ डेस्क, नागौर शराब की दुकान चला रहे ठेकेदार लगातार चार साल तक उसे रिन्यू करा सकेंगे। कोई दुकान खाली ना रहने पाए और राजस्व बढ़े, इसके लिए भी राज्य सरकार ने नई आबकारी नीति में पूरे इंतजाम किए हैं। सरकार अधिकृत ठेकेदारों को राहत देने का दावा कर रही है जबकि ठेकेदार अब भी सरकार से खुश नजर नहीं आ रहे। वो अपनी मांगों को लेकर चार फरवरी को सुबह दो घंटे अपनी दुकानें बंद रखेंगे।सूत्रों के अनुसार एक अप्रेल से शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष के लिए आबकारी विभाग ने राजस्व के लिए पूरी तैयारी कर ली है। इस बार कलस्टर सिस्टम लागू किया है, इसमें एक से पांच दुकानें होंगी। कोई दुकान खाली ना रह जाए, इसके हिसाब से कलस्टर सिस्टम को प्राथमिकता दी जा रही है। नागौर (डीडवाना-कुचामन) जिले में शराब की अधिकृत 277 दुकानों के लिए 98 कलस्टर बनाए गए हैं। ई-टेण्डर/ऑक्शन की मुश्किल से बचने के लिए भी कलस्टर प्रणाली को तरजीह दी गई है।
सूत्र बताते हैं कि कलस्टर पांच दुकानों तक का होगा। इसमें अच्छी के साथ एवरेज दुकानों को भी शामिल किया जाएगा। मसलन पांच दुकान में से तीन रिन्यू हो गईं तो शेष दो दुकान के लिए पहले इन्हीं ठेकेदारों को कहा जाएगा, इनके नहीं लेने पर रिन्यू कराने वालों तक का लाइसेंस रद्द कर दोबारा से सभी पांच दुकानों का ऑक्शन किया जाएगा। कलस्टर की एक दुकान पर शराब नहीं बिकने पर उसे पचास फीसदी तक माल ट्रांसफर करने की सुविधा भी दी गई है। यही नहीं बीयर के साथ देशी मदिरा और प्रीमियम ब्राण्ड पर भी ठेकेदारों के लिए फायदा/मार्जीन बढ़ाया गया है। आबकारी ड्यूटी नौ के बजाय अब दो स्लैब में ही होंगे। शराब से मिलने वाले राजस्व का ही हाल है कि सरकार ने ठेकेदारों को राहत देने में कोई कसर नहीं छोड़ी अंग्रेजी शराब/बीयर और देशी मदिरा एक ही स्थान से मिलेगी ताकि इनके लोडिंग का खर्चा बचे। यही नहीं नवीनीकरण आवेदन शुल्क भी कम कर दिया है। यही नहीं रिन्यू नहीं कराने वाली दुकानों की ऑनलाइन नीलामी होगी। राहत देने का ही आलम है कि अब बीस के बजाय दस कमरे की होटल को ही बार का लाइसेंस मिल जाएगा।
