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Nagaur धोखाधड़ी का आरोपी नानकदास जायल से विधायक का चुनाव लड़ना चाहता था

 
Nagaur धोखाधड़ी का आरोपी नानकदास जायल से विधायक का चुनाव लड़ना चाहता था
नागौर न्यूज़ डेस्क, नागौर  राष्ट्रपति के कोटे से राज्यसभा सीट दिलाने का वादा कर एक व्यक्ति से दो करोड़ की ठगी के आरोप में दिल्ली पुलिस ने गत रविवार को गिरतार किए गए बड़ीखाटू के कबीर आश्रम के संत नानकदास को लेकर कस्बे में कई तरह की चर्चाएं है। बताया जाता है कि नानकदास का भक्ति की जगह राजनीति की ओर झुकाव ज्यादा होने लगा था। इसके लिए वह पूरे जोर शोर से जुटा हुआ था। राजनीति में उच्च स्तर पर जाने के लिए वह आश्रम में कम अधिकांश समय दिल्ली में रहकर राजनेताओं से रसूखात बढ़ाने में लगा था। 2017 में नानकदास को वाणिज्य विभाग के टी बोर्ड का सदस्य बनाया गया था।

इसके बाद से नानकदास नि:शुल्क हवाई यात्रा, कोलकाता में मीटिंग के दौरान सपूर्ण निशुल्क सुविधाओं का लाभ उठाने लगा। सूत्रों ने बताया कि टी बोर्ड सदस्य के रूप में तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद राजनीति में आगे बढ़ने की इच्छा बढ़ने लगी। भाजपा के टिकट पर जायल विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव लडने का मानस बनाया और टिकट के लिए दावेदारी पेश की। साथ ही विधानसभा चुनाव से पहले क्षेत्र में कई जगह प्रतिभा समान समारोह व पार्टी के कई कार्यक्रम आयोजित करवाए, ताकि पार्टी कार्य को देख टिकट दे सके।

नई दिल्ली में रहकर उच्च स्थान पाना चाहता था

जायल से टिकट नहीं मिलने पर नानक दास ने नई दिल्ली में विश्व कबीर पुरस्कार समारोह आयोजित कर देशभर की प्रतिभाओं को समानित किया। इन कार्यक्रमों के जरिये उसकी कई नेताओं से पहचान हो गई। पिछले एक वर्ष से वह नई दिल्ली में रहने लगा था। नानकदास ने छापरी डूंगरी पर बने कबीर आश्रम में नशा मुक्ति, पर्यावरण सुधार व प्रतिभा समान समारोह आयोजन किया जिसमें प्रदेश के साथ दिल्ली की कई राजनीति हस्तियां, मंत्री व पूर्वमंत्री शामिल हुए। उसके बाद संत ने अपने विचारों को राजनीति से जोड़ना शुरू कर दिया। वह लगातार मंत्री- विधायकों के संपर्क में रहने लगा।