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Nagaur दुआ बन गई है सरकार की मुफ्त दवा, चंद मरीज ही ठुकरा रहे

 
Nagaur दुआ बन गई है सरकार की मुफ्त दवा, चंद मरीज ही ठुकरा रहे
नागौर न्यूज़ डेस्क, नागौर अकेले जेएलएन अस्पताल से हर माह करीब एक करोड़ की दवा मरीजों को मुफ्त दी जा रही है। जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र समेत अन्य अस्पतालों में रोजाना आने वाले मरीजों की गणना करें तो यह रकम चौगुनी है। यहां केवल उन मरीजों की बात हो रही है जो केवल ओपीडी में दिखाकर यहां से सरकारी दवा ले रहे हैं। बावजूद इसके ब्राण्ड के शौकीन कहें या सरकारी दवा को अपने स्तर की नहीं मानने वाले मरीज डाक्टरों से बाहर मिलने वाली दवाओं का नाम लिखवाने का दबाव बनाते हैं।

सूत्रों के अनुसार सरकारी अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र पर दी जा रही नि:शुल्क दवा सामान्य लोगों को तो काफी भा रही है। बुखार समेत अन्य छोटी-बड़ी बीमारियों के लिए वे सीधे प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अथवा सरकारी अस्पताल का रास्ता नाप रहे हैं। वो इसलिए भी कि यहां ओपीडी में एक्सपर्ट डॉक्टर को दिखाने के बाद समस्त दवा भी यहीं से फ्री में मिल जाती है। हालांकि यह भी सामने आया कि कई लोग डॉक्टरों से बाहर की अच्छी दवा लिखने का दबाव बनाते नजर आते हैं। सरकारी डॉक्टरों पर तो वैसे ही इसके लिए पाबंदी है। कई दिन तक आने वाले मरीज सरकारी दवा असरदायक नहीं है, कहकर दवा बदलने को कहते हैं। डॉक्टर वहीं की लिखते हैं तो बाहर की लिखने को कहते हैं। जेएलएन अस्पताल में तो यह तक देखा गया है कि दवा काउंटर से ली गई यह दवा गैलेरी अथवा बरामदे में खराब समझकर फैंकी जा रही है। एक-दो बार मरीजों को पकड़कर पूछा गया तो कहा गया कि यह दवा ले गए थे, असर नहीं कर रही।

सूत्र बताते हैं कि करीब 73 फीसदी लोग सरकार की ओर से दी जा रही मुफ्त दवा से खुश हैं। वे इसे असरकारक भी मानते हैं। इसके बाद भी कभी-कभी अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र में दवाओं की कमी रोगियों को तो बेहाल करती ही है, उनको निजी अस्पतालों की तरफ मोड़ कर उनकी जेब हलकी करती है। अधिकारिक रूप से सदैव कहा जाता है कि हर तरह की बीमारियों की लगभग आठ सौ से अधिक दवाएं उपलब्ध रहती हैं, इसके बाद भी कई रोगों से ग्रसित लोग सरकार के इस दावे को खारिज कर रहे हैं।

सूत्र बताते हैं कि वर्ष 2023 में अकेले जेएलएन अस्पताल में तीन लाख छह हजार 676 रोगियों ने मुफ्त दवा ली थी। इसी साल जनवरी में करीब 23 हजार 696 लोगों ने ओपीडी में दिखाकर मुफ्त दवा ली। नागौर (डीडवाना-कुचामन) जिले में प्राथमिक/ स्वास्थ्य केन्द्र, सेटेलाइट/जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों का हिसाब लगाएं तो यह बहुत ज्यादा है। एक अनुमान के मुताबिक अकेले नागौर जिले में हर साल करीब तीस करोड़ से अधिक की दवा मरीजों को मुफ्त दी जा रही है। औसतन रोजाना जिलेभर में करीब तीन हजार से अधिक मरीज फ्री दवा ले रहे हैं।