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Nagaur ईश्वर की प्राप्ति के लिए धन नहीं भक्ति और भाव जरूरी

 
Nagaur ईश्वर की प्राप्ति के लिए धन नहीं भक्ति और भाव जरूरी

नागौर न्यूज़ डेस्क, नागौर वीर तेजाजी मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के उपलक्ष में आयोजित भागवत कथा के दौरान सोमवार को छठें दिन कृष्णजन्म पर धूमधाम से नंदोत्सव मनाया। कथावाचक गोविंदराम महाराज ने कहा कि जिससे जीव की जागृति हो उसे ही हम उत्सव कहते हैं, जो प्राणी अपने धन का बिल्कुल भी दान नहीं करता है वह धन कचरे के समान है। धन की श्रेष्ठ स्थिति दान और उपयोग है, जिससे सही जगहों पर खर्च करें। अहंकार, धन और ज्ञान से ईश्वर की प्राप्ति असम्भव है। उसके लिए भक्ति और भाव जरूरी है। आज के समय में धर्म और आचरण नष्ट हो रहा है । लोग देखा देखी में अपना संस्कार भी भूल चुके हैं।

चारों और अपवित्रता फेल चुकी है जो काफी बहुत घातक है। संत ने कहा कि अपने दुखों का कारण प्राणी स्वयं है , क्योंकि वह अपनी दिनचर्या भूल चुका है, जिसके कारण वह दु:ख भोग रहा है। प्राणी को सूर्योदय से पहले उठकर ईश्वर का स्मरण करना चाहिए। इससे उसके जीवन में कोई कमी नहीं आएगी। तेजाजी मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत मंगलवार को जागरण होगा। इसमें तुलछाराम भनगावा, लिखमाराम अमरपुरा, भंवर लेगा एण्ड पार्टी भजनों की प्रस्तुतिया देंगे । सालगराम सिलारिया तेजा गायन करेंगे। बुधवार सुबह सवा दस बजे वीर तेजाजी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दौरान दरियाव धोलिया गादीपति भोपाजी, खरनाल, झुमरराम छाबा गादीपति भोपाजी डेह मौजूद रहेंगे । बाद में महाप्रसादी का आयोजन होगा।