राजस्थान के नागौर जिले में मिला खनिज का खजाना! आर्थिक विकास को मिलेगा नया आयाम, पूरे देश की 80 फीसदी मांग हो सकती है पूरी

नागौर न्यूज़ डेस्क - केंद्रीय खान एवं कोयला मंत्री किशन रेड्डी ने बुधवार को लोकसभा में पुष्टि की कि नागौर के डेगाना क्षेत्र में रेवंत पहाड़ी में टंगस्टन के साथ लिथियम के भंडार हैं। उन्होंने नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। मंत्री ने कहा कि रेवंत पहाड़ी में बहुमूल्य खनिज संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता पाई गई है। दावा किया जा रहा है कि यह भारत की कुल मांग का 80% पूरा कर सकता है। जिससे लिथियम पर चीन का एकाधिकार खत्म हो सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रेवंत पहाड़ी में बहुमूल्य खनिज संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता पाई गई है। भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (जीएसआई) द्वारा किए गए अन्वेषण में टंगस्टन: 13.39 मिलियन टन (800 भाग प्रति मिलियन कट-ऑफ), लिथियम: 6.33 मिलियन टन (400 भाग प्रति मिलियन कट-ऑफ), नियोबियम-टैंटलम: 16.42 मिलियन टन (100 भाग प्रति मिलियन कट-ऑफ), टिन: 0.15 मिलियन टन (400 भाग प्रति मिलियन कट-ऑफ) की उपलब्धता पाई गई है। सांसद ने बताया कि ये खनिज औद्योगिक, तकनीकी और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
क्षेत्र में जी3 चरण अन्वेषण में मिले निष्कर्ष वर्ष 2017-18 के दौरान डेगाना के रेवंत पहाड़ी क्षेत्र में जी3 चरण अन्वेषण के दौरान प्राप्त उत्साहवर्धक निष्कर्षों के आधार पर वर्ष 2019-20 और 2020-21 तथा 2022-23 के दौरान नागौर जिले के डेगाना क्षेत्र में टंगस्टन, लिथियम के लिए तीन नए जी2 चरण अन्वेषण कार्यक्रम शुरू किए गए, जिनमें ये परिणाम सामने आए। मंत्री ने यह भी बताया कि इनके अलावा, ग्रेफाइट, सीसा और जस्ता खनिजों के लिए भी अन्वेषण परियोजनाएं शुरू की गई हैं।