राजस्थान में यहां पर जमीनों के रेट ने पकड़ी रफ्तार! आसमान छूती कीमतों को देख निवेश के लिए उमड़ा जन सैलाब

रियल एस्टेट निवेश के मामले में पिंक सिटी गैर-मेट्रो शहरों में देश के शीर्ष 10 गंतव्यों में से एक बन गया है। बुनियादी ढांचे के विकास और भविष्य की संभावनाओं के कारण अन्य राज्यों के लोग भी यहां निवेश करने में बढ़ती रुचि दिखा रहे हैं।एक निजी कंपनी की हालिया सर्वेक्षण रिपोर्ट (मार्च 2025) में खुलासा हुआ है कि दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे और मेट्रो फेज-2 जैसी परियोजनाओं के कारण संपत्ति की कीमतों में सालाना आठ से दस प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि निवेशकों के लिए पिंक सिटी एक आकर्षक जगह बन रही है। यहां आवासीय, वाणिज्यिक और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी संपत्तियों में रुचि दिखाई जा रही है। सर्वेक्षण के अनुसार टोंक रोड, अजमेर रोड, जगतपुरा, वैशाली नगर एक्सटेंशन जैसे क्षेत्र हॉटस्पॉट की श्रेणी में हैं।
ये शहर हैं शामिल
वडोदरा, अहमदाबाद, सूरत, नासिक, गांधीनगर, जयपुर, नागपुर, भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम और पुणे
हॉटस्पॉट किराया
(रुपये प्रति वर्ग फीट)
अजमेर रोड: 10-18
जगतपुरा: 10-17
वैशाली नगर: 11-20
मानसरोवर: 10-17
इसलिए बढ़ रही है मांग
- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के जयपुर-बांदीकुई एक्सप्रेसवे से जुड़ जाने से जयपुर वासियों का आवागमन आसान हो गया है।
-मेट्रो फेज-2 के आने से शहर के बाहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को सस्ता और सुलभ सार्वजनिक परिवहन मिलेगा।
-पारंपरिक व्यापार के साथ-साथ अब इसे आईटी और बिजनेस हब के रूप में भी पहचाना जाने लगा है।
-मेट्रो शहरों की तुलना में यहां निवेश के सस्ते विकल्प उपलब्ध हैं और मेट्रो शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी के कारण मांग बढ़ रही है।
लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में अवसर
ई-कॉमर्स और मैन्युफैक्चरिंग की बढ़ती मांग के कारण जयपुर एक उभरते हुए लॉजिस्टिक्स हब के रूप में उभर रहा है। जनवरी 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, वेयरहाउसिंग में रियल एस्टेट निवेश का 39 प्रतिशत हिस्सा है। इस साल भी यही रुझान रहने की उम्मीद है। बगरू और चाकसू जैसे इलाकों में वेयरहाउसिंग प्रॉपर्टी में निवेश करने से उच्च रिटर्न का संकेत मिलता है।