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Nagaur 12वें दिन भी धरने पर रहे किसान, अब हाईवे जाम, तालाबंदी की चेतावनी

 
Nagaur 12वें दिन भी धरने पर रहे किसान, अब हाईवे जाम, तालाबंदी की चेतावनी

नागौर न्यूज़ डेस्क, नागौर के खींवसर के नेशनल हाईवे पर जीएसएस के बाहर अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में किसानों का धरना शुक्रवार को 12वें दिन भी जारी रहा। साठिका खुर्द में 2019 में स्वीकृत जीएसएस अभी तक नहीं बनने से किसान नाराज हैं। किसानों का कहना है कि अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। शुक्रवार को सहायक अभियंता कार्यालय के गेट पर बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा हुए और गेट पर नारेबाज़ी करते हुए बैठकर आवागमन ठप कर दिया। इस दौरान पुलिस जब्ता भी मौजूद रहा। क़रीब एक घंटे तक प्रदर्शन करने के बाद सहायक अभियंता भंवर चौधरी ने किसानों से बात की और 2 दिन का समय और मांगा। सहायक अभियंता चौधरी ने कहा कि किसनों की बात उच्च आधिकारियों तक पहुंचा दी गई है जल्द ही किसानों की मांग पूरी की जाएगी।

अखिल भारतीय किसान सभा तहसील अध्यक्ष चुनाराम पालियल ने बताया- 12 दिन से किसान धरने पर बैठे हैं और अधिकारियों द्वारा उनकी जायज़ माँग नहीं मानी जा रही है। 8 सितंबर को एमडी ने 33/11 का जीएसएस साठिका में बनाने के लिए समान देने के आदेश तो जारी कर दिए लेकिन उस आदेश की पालना अभी तक नहीं की गई है। संबधित ठेकेदार को जीएसएस निर्माण के लिए समान नहीं दिया गया है। किसानों का कहना है की जब तक साठिका में जीएसएस का निर्माण कार्य शुरू नहीं करवाया जाता तब तक किसान धरने पर बैठे रहेंगे। अब किसानों का सब्र टूट रहा है अब अधिकारियों ने 2 दिन की और मोहलत मांगी है अगर इन दो दिनों में हमारी माँग को नहीं माना गया तो सहायक अभियंता कार्यालय के तालेबंदी की जाएगी और जरूरत पड़ी तो हाईवे भी जाम किया जाएगा।

किसान सतुराम जाणी ने बताया कि आज से 4 साल पहले 6 सितंबर 2019 को साठिका खुर्द 33/11 केवी के जीएसएस की स्वीकृति हुई थी जिसके लिए जमीन का आवंटन भी किया जा चुका है लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते आज तक जीएसएस निर्माण का कार्य शुरू ही नहीं किया गया। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। बारिश की कमी की वजह से इस बार भी किसानों की फैसले चौपट हो गई। धरना स्थल पर अखिल भारतीय किसान सभा तहसील अध्यक्ष चुनाराम पालियाल, उपाध्यक्ष कंवराराम गोदारा, साठिका सरपंच शंकरराम, हीमताराम घंटियाल, तेजाराम, पूर्व सरपंच जगमाल सिंह, उम्मेद सिंह, चुनाराम, अखाराम मेघवाल, फत्ताराम मेघवाल, रामेश्वर फौजी, भोमाराम सैन, कुम्भा राम, जगनाथ घन्टीयाल सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।