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नागौर में प्राइवेट स्कूल हॉस्टल में 12वीं के छात्र की संदिग्ध मौत, परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप

 
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राजस्थान के नागौर जिले में एक निजी स्कूल के हॉस्टल में 12वीं कक्षा के छात्र की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है। मुंडवा थाना क्षेत्र में स्थित वागीश्वरी विद्या मंदिर विद्यालय के हॉस्टल में छात्र ने अपने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया, लेकिन इस घटना के बाद स्कूल प्रबंधन की भूमिका को लेकर परिजनों ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला सामने आते ही इलाके में तनाव का माहौल बन गया।

परिजनों का आरोप है कि स्कूल मैनेजमेंट ने छात्र को फंदे से उतारने से पहले उन्हें किसी भी तरह की सूचना नहीं दी। परिजनों का कहना है कि जब उन्हें घटना की जानकारी मिली, तब तक स्कूल प्रबंधन बच्चे को अस्पताल ले जा चुका था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार का आरोप है कि अगर उन्हें समय पर सूचना दी जाती, तो वे मौके पर पहुंच सकते थे और पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाती।

मामले में एक सुसाइड नोट मिलने का दावा भी किया जा रहा है, लेकिन इसे लेकर विवाद और गहराता जा रहा है। मृतक छात्र के परिजनों ने साफ तौर पर कहा है कि सुसाइड नोट उनके बेटे का नहीं है। पिता ने आरोप लगाया कि नोट में लिखी भाषा और शब्द उनके बेटे के स्वभाव से मेल नहीं खाते। उन्होंने कहा, “मेरा बेटा कभी ‘चित्रगुप्त से मिलूंगा’ या ‘यमराज आएंगे’ जैसी बातें नहीं करता था। यह उसकी सोच और भाषा नहीं है। न ही यह उसकी लिखावट है। हमें शक है कि सुसाइड नोट किसी मास्टर या स्कूल से जुड़े व्यक्ति ने लिखा है।”

परिजनों का यह भी आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने असली सुसाइड नोट बदल दिया, ताकि मामले को आत्महत्या बताकर दबाया जा सके। इसी आशंका के चलते परिजन और रिश्तेदार आक्रोशित हो गए। घटना के बाद अस्पताल परिसर में भारी हंगामा हुआ, जहां गुस्साए लोगों ने तोड़फोड़ की। इसके बाद परिजन छात्र के शव को मॉर्च्युरी में रखवाकर उसके बाहर धरने पर बैठ गए और निष्पक्ष जांच की मांग करने लगे।

स्थिति बिगड़ती देख पुलिस प्रशासन को मौके पर भारी जाब्ता तैनात करना पड़ा। हालात को नियंत्रित करने के लिए तीन थानों की पुलिस अस्पताल और मॉर्च्युरी के बाहर लगाई गई है। पुलिस अधिकारी परिजनों को समझाने और शांत करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन परिजन स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं।

पुलिस का कहना है कि फिलहाल शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सुरक्षित रखा गया है, लेकिन परिजन तब तक पोस्टमॉर्टम कराने को तैयार नहीं हैं, जब तक उन्हें निष्पक्ष जांच का भरोसा नहीं दिया जाता। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की हर पहलू से जांच की जाएगी। सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग जांच, स्कूल स्टाफ से पूछताछ और हॉस्टल के सीसीटीवी फुटेज खंगालने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

वहीं स्कूल प्रबंधन की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट और आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इस घटना ने एक बार फिर निजी स्कूलों और हॉस्टलों में छात्रों की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

फिलहाल पूरा मामला जांच के अधीन है। छात्र की मौत आत्महत्या है या इसके पीछे कोई और वजह, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। लेकिन परिजनों के आरोपों और घटनाक्रम ने इस मामले को बेहद संवेदनशील और गंभीर बना दिया है।