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Nagaur मेले में पशुपालकों को पशुओं को लाने में हो रही परेशानी

 
Nagaur मेले में पशुपालकों को पशुओं को लाने में हो रही परेशानी

नागौर न्यूज़ डेस्क, नागौर में राज्यस्तरीय श्रीरामदेव पशु मेले का शुभारंभ हो चुका है। पशु मेले में पशुपालन, पर्यटन, कला व संस्कृति के विभिन्‍न रंग देखने को मिलेंगे। नागौर मेले की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पहचान है। मेले में आए पशुपालक बताते हैं कि पिछले 80सालों से ये मेला लग रहा है। लेकिन अब मेले में आने वाले पशुओं की संख्या कुछ कम होने लगी है। मुख्य समस्या ये है कि 2008में एक आदेश जारी होने‌ के बाद से 3 साल से कम उम्र के बछड़ों की बिक्री कम होने लगी। इस वजह से नागौर पशु मेले पर काफी असर पड़ा। क्योंकि नागौर की सबसे प्रसिद्ध मवेशी है नागौरी बैल। हालांकि मेले में हर प्रकार के मवेशी की खरीद फरोख्त होती है।

साथ ही पशुपालकों ने बताया कि मेले में पशुओं को लाना-ले जाना भी जोखिम भरा हो गया है। पुलिसकर्मी और निजी संगठन पशुपालकों को पशु तस्कर समझकर परेशान करते हैं। पशुपालकों ने संभागीय आयुक्त, आईजी रेंज और कलक्टर-एसपी से मिलकर अपना दर्द बयां किया। पशुपालकों ने बताया कि उन्हें पशु मेले में आने के लिए जगह-जगह मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। काफी जगह पुलिसकर्मी और निजी संगठनों के लोग पशु तस्कर समझकर बेहद बुरा बर्ताव करते हैं। यहां तक कि बात समझने से पहले ही मारपीट कर दी जाती है। ऐसे में पशुपालक मेले में रुचि कम लेने लगे हैं।

मामले की गंभीरता को देखते हुए संभागीय आयुक्त महेश चंद्र शर्मा व रेंज आईजी लता मनोज कुमार ने पशुपालकों को आश्वस्त किया कि इस समस्या का निदान किया जाएगा। पशुपालकों के लिए प्रशासन की ओर से प्रमाण पत्र व अनुमति पत्र जारी किए जाएंगे। कलक्टर डॉ. अमित यादव ने बताया कि कंट्रोल रुम की स्थापना की जाएगा, ताकि पशुओं के परिवहन के समय कोई भी पशुपालक परेशान नहीं हो। पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस ने कहा कि जिले व राज्य की सीमाओं पर बिना किसी बाधा के पशुपालकों को आवाजाही की अनुमति मिलेगी। इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों से बात करके समन्वय स्थापित कर लिया जाएगा।