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भ्रष्टाचार के आरोपों पर बेनीवाल का हमला, कहा— विधायकों के वीडियो प्रदेश के लिए शर्मनाक

 
भ्रष्टाचार के आरोपों पर बेनीवाल का हमला, कहा— विधायकों के वीडियो प्रदेश के लिए शर्मनाक

प्रदेश की राजनीति में भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर बयानबाजी तेज हो गई है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के प्रमुख और सांसद हनुमान बेनीवाल ने कथित भ्रष्टाचार से जुड़े विधायकों के वीडियो सामने आने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बेनीवाल ने कहा कि इस तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त विधायकों के वीडियो सामने आना पूरे प्रदेश के लिए बेहद शर्मनाक है और यह सत्ता में बैठे लोगों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

हनुमान बेनीवाल ने कहा कि भाजपा सरकार के प्रदेश में सत्ता में आने के दो साल पूरे होने के ठीक बाद इस प्रकार के वीडियो सामने आना यह दर्शाता है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार किस स्तर तक पहुंच चुका है। उन्होंने इसे भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा बताते हुए कहा कि जनता ने बदलाव की उम्मीद में सरकार चुनी थी, लेकिन आज वही पुरानी प्रवृत्तियां सामने आ रही हैं।

बेनीवाल ने आरोप लगाया कि इस मामले में केवल एक दल को दोषी ठहराना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि चाहे भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों ही दलों के कई नेता सत्ता में रहते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं। जनता बार-बार इन दोनों दलों को मौका देती रही है, लेकिन परिणाम वही ढाक के तीन पात रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों ही प्रमुख पार्टियों ने प्रदेश को लूटने का काम किया है और आम जनता इसका खामियाजा भुगत रही है।

आरएलपी प्रमुख ने कहा कि यदि विधायकों के खिलाफ सामने आए वीडियो सही हैं, तो सरकार को बिना किसी राजनीतिक दबाव के तुरंत निष्पक्ष जांच करानी चाहिए। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे वे किसी भी पार्टी से जुड़े हों। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ बयानबाजी या दिखावटी कार्रवाई से जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता।

बेनीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग एक-दूसरे को बचाने का काम करते हैं, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि जब तक राजनीतिक संरक्षण खत्म नहीं होगा, तब तक इस तरह के मामले सामने आते रहेंगे। उन्होंने सरकार से मांग की कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को कागजों से निकालकर जमीन पर लागू किया जाए।

इस बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने भी सरकार से जवाब मांगा है, वहीं सत्ताधारी दल की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है और विधानसभा से लेकर सड़क तक इस पर बहस देखने को मिल सकती है।

गौरतलब है कि हाल के दिनों में कथित तौर पर कुछ विधायकों से जुड़े भ्रष्टाचार के वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। जनता के बीच भी इसको लेकर नाराजगी देखी जा रही है और लोग पारदर्शिता व जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।