Nagaur 17 जून को मनाई जाएगी बकरीद, तैयारियों में जुटे लोग
नागौर न्यूज़ डेस्क, नागौर बासनी बकरीद या ईद उल-अज़हा मुस्लिम समुदाय के प्रमुख त्योहारों में से एक त्योहार है। यह पर्व कुर्बानी और त्याग के प्रतीक रूप में हर साल बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन ''हलाल जानवर'' की कुर्बानी देने की प्रथा है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, 12वें महीने जिल हिज्जा की 10 वीं तारीख को बकरीद मनाई जाती है। इस साल बकरीद 17 जून को मनाई जाएगी।
बासनी की नगीना मस्जिद के इमाम हाफिज अल्लाबक्ष ने बताया कि बासनी में बकरीद 17 जून को मनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि जिल्काद के 29वें दिन चांद दिखने के बाद इस्लामिक कैलेंडर का आखिरी महीना जिल हिज्जा की शुरुआत होती है। जानकारी के अनुसार लोग पर्व की तैयारियों को लेकर काम में जुटे हुए है। इस्लाम धर्म की मान्यताओं के मुताबिक एक बार अल्लाह ने पैगंबर हज़रत इब्राहीम की परीक्षा लेनी चाही. इसलिए उन्होंने हज़रत इब्राहीम के ख्वाब (सपने) में आकर अपनी एक प्यारी चीज कुर्बान करने को कहा. जब हज़रत इब्राहीम उठे तो वह सोचने लगे कि आखिर उनके लिए सबसे प्रिय चीज क्या है? हज़रत इब्राहीम अपने इकलौते बेटे इस्माइल को सबसे अधिक प्रेम करते थे। लेकिन अल्लाह की मर्जी को पूरा करने के लिए वह अपने बेटे को कुर्बान करने के लिए तैयार हो गए। बासनी. बकरा मंडी में बकरों की खरीदारी करते हैं लोग।