Nagaur में 539 साल पुराना कांच का मंदिर, इसके पीछे का रहस्य आज भी बरकरार
मंदिर मार्गी ट्रस्ट के अध्यक्ष धीरेन्द्र समदड़िया ने बताया कि कांच का मंदिर नागौर के जैन श्वेतांबर मंदिर मार्गी ट्रस्ट की पेढ़ी है। मंदिर में नक्काशीदार दरवाजे लगे हुए हैं, जिनमें हाथी दांत से नक्काशी की हुई है। दरवाजे में लगे ताले का रहस्य आज तक कोई समझ नहीं पाया हैं। कई कारीगरों को बुलाकर पता करने का प्रयास किया, लेकिन ताला कैसे लगेगा और कैसे खुलेगा, यह पता नहीं चल पाया है।
आंगी रचना में लगते हैं तीन से चार घंटे
पर्युषण पर्व में रोजाना भगवान की प्रतिमा पर आंगी रचना की जाती है। यह कार्य जैन समाज के नितेश तोलावत, अभिषेक चौधरी, सुमित चोरड़िया, सौरभ सुराणा, अर्पित तोलावत व गजेन्द्र सुराणा करते हैं। आंगी रचना में रोजाना तीन से चार घंटे का समय लगता है।
अनूठा है माळ महोत्सव
मंदिर के पुजारी हेमंत एवं मुनीम गोरधनदास ने बताया कि पूरे भारत में अकेले नागौर के इस मंदिर में ही माळ महोत्सव मनाया जाता है। यह संवत्सरी से एक दिन पहले मनाया जाता है। इसमें भगवान को माला पहनाने वाले व्यक्ति का शहर में जुलूस निकालकर घर तक पहुंचाया जाता है।