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मेरा आदर्श गांव चंदलाई (चाकसू)

आज के मेरे गावं की कहानी में हम जानेगें जयपुर के करीब पड़ने वाले आदर्श गांव चंदलाई की कहानी जहां देशी-विदेशी पक्षियों को देखने के लिए पूरी दुनिया और देश से पर्यटक आते हैं, तो चलिए जाने यहां की कहानी को....
 
चंदलाई लेक
  • चंदलाई गावं राजस्थान की राजधानी जयपुर से 35 किमी दूर दक्षिण में बसा हुआ है। 
  • गांव की कुल आबादी 48 हजार के करीब है। 
  • गांव में एक पीएचसी होने के साथ दो सरकारी विद्यालय और एक महात्मा गांधी इंग्लिश मीडिया स्कूल है। 
  • गांव में हीें ग्राम पंचायत है और इसमें कुल 13 वार्ड है
  • गावं से अभी कांग्रेस के वेद प्रकाश सौलंकी विधायक बने हुए है। 

मेरे गावं की कहानी डेस्क, आज इस लेख के माध्यम से मै आपको अपने गांव की कहानी बताने जा रहा हूँ। मेरे गांव का नाम चंदलाई है जो राजस्थान की राजधानी जयपुर से 35 किमी दूर दक्षिण में बसा हुआ छोटा सा गांव है। मेरे गांव की कुल आबादी 48 हजार के करीब है। मेरे गांव में एक पीएचसी होने के साथ दो सरकारी विद्यालय है, जहां 12वीं तक बच्चों की पढ़ाई होती है। हाल ही राज्य सरकार के आदेशानुसार मेरे गावं में एक महात्मा गांधी इंग्लिश मीडिया स्कूल भी खोला गया है। गांव में सरकारी दूध की डेयरी है, जहां से जयपुर दूध डेयरी संकलन करती है। गांव में हीें ग्राम पंचायत है और इसमें कुल 13 वार्ड है। मेरा गांव चाकसू तहसील में स्थित है, मेरे गावं की पंचायत समिति भी चाकसू है। यहां से अभी कांग्रेस के वेद प्रकाश सौलंकी विधायक बने हुए है। मेरे पुरे गांव में पक्की सड़के बनी होने के साथ पेयजल और बिजली की भी अच्छी सुविधा है। 

चंदलाई लेक

मेरे गांव की पहचान प्रदेश में चंदलाई लेक के नाम से है। गांव में बनाया गया राम सागर बांध आज प्रदेश में चंदलाई लेक के नाम से जाना जाता है। इस बांध की लंबाई 3 किमी और चौड़ाई 5 किमी है। इस लेक में मछली पालन होने से यहां कई प्रकार के विदेशी पक्षी आते है। जिनमे खास तौर से आपको साईबेरियन क्रेन, फ्लेमिंगो बड़र्स और भी कई जलीय जीव यहां पर आपको देखने को मिल सकते है। राम सागर बांध से चंदलाई लेक बनने की हमारे गांव की एक रोचक कहानी है। आज से करीब 20 साल पहले तक इस बांध में केवल बारिश का पानी इकठ्ठा होता रहा, लेकिन बाद में बारिश की कमी के कारण प्रदेश के अन्य बांधों की तरह यह भी सूख गया। जिसके चलते गांव में खेती का काम प्रभावित होने लगा। ऐसे में गांव के लोगों ने खेती करने और गांव का जलस्तर बढ़ाने के लिए राजधानी जयपुर की द्रव्यवती नदी के पानी को इस बांध से जोड़ने के लिए प्रशासन को ज्ञापन दिया है। हालाँकि, द्रव्यवती के पानी का इस्तेमाल करने वाले अन्य गांवों ने इसका विरोध किया और इससे चंदलाई के लोग आक्रोशित हो गए। साल 2010 में ग्रामीणों ने बड़ी तादात में एनएच-12 को अपनी मांग के चलते जाम कर दिया। 

चंदलाई लेक

जिसके बाद प्रशासन से समझाइश में चंदलाई बांध को साल के 4 महीने पानी मिलना तय हुआ, बाद में नेवटा बांध से चंदलाई बांध को जोड़ने से अब प्रतिवर्ष बांध में पानी की आवक रहती है और यह बांध लबालब भरा रहता है। इस बांध की गहराई 20 फीट से अधिक है। जिसमें मछली पालन किया जाता है। इस बांध में पानी रहने से यहां खेती भी अच्छी होती है। हाल में प्रशासन ने चंदलाई लेक की लोक प्रियता के चलते यहां पर चौपाटी बनाने के प्रस्ताव को भी पारित किया गया है। गांव का मौसम गर्मी में भी ठंडा बना रहता है और सर्दी में कड़ाके की ठंड नजर आती है। चंदलाई लेक में आप बोटिंग का आनंद भी ले सकते है और मछली भी पकड़ सकते है। आप को हमारे गांव की कहानी अच्छी लगी हो तो, आप हमारे गांव की सैर पर आ सकते है।

Puran Verma

लेखक: Puran Verma