राजस्थान में बाघों की नस्ल सुधार के लिए पेंच टाइगर रिजर्व से बाघिन 'पीएन-224' का स्वागत
राजस्थान के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य के बाघों की नस्ल और जैविक विविधता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से पहली बार मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से एक बाघिन को राजस्थान लाया गया है। रविवार रात 10.30 बजे सेना के MI-17 हेलिकॉप्टर ने 3 साल की बाघिन 'पीएन-224' को जयपुर एयरपोर्ट पर सुरक्षित पहुंचाया।
सूत्रों के अनुसार, यह कदम राजस्थान के बाघ संरक्षण कार्यक्रम के तहत उठाया गया है। राज्य में पिछले कुछ वर्षों में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में रक्तसंचार और जीन विविधता को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण रहा है। ऐसे में पेंच टाइगर रिजर्व से चयनित बाघिन को लाकर स्थानीय बाघों के साथ मिलाने का निर्णय लिया गया।
'पीएन-224' बाघिन को हेलिकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित तरीके से जयपुर लाया गया। वन विभाग की टीम ने एयरपोर्ट पर उसका स्वागत किया और उसे तुरंत सुरक्षित परिवहन व्यवस्था के तहत आरक्षित क्षेत्र में पहुंचाया गया। इसके बाद बाघिन को कुछ समय के लिए विशेष निगरानी में रखा जाएगा ताकि वह नए वातावरण और क्षेत्र के अन्य बाघों के साथ अनुकूल हो सके।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से राजस्थान में बाघों की नस्ल में सुधार होगा और स्थानीय बाघों के बीच इन-ब्रीडिंग की समस्या कम होगी। साथ ही, यह जैविक विविधता को बनाए रखने और पर्यावरण संतुलन को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि 'पीएन-224' जैसे चयनित बाघिन का स्थानांतरण वैज्ञानिक निगरानी, स्वास्थ्य परीक्षण और पर्यावरण अनुकूलन के साथ किया गया है। इससे न केवल बाघों की आबादी मजबूत होगी, बल्कि वन्यजीव पर्यटन और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।
राजस्थान में बाघ संरक्षण कार्यक्रम के तहत अब और भी ऐसी योजनाओं पर काम किया जा रहा है, जिनमें बाघों के स्थानांतरण, प्रजनन और आवास क्षेत्र के विस्तार शामिल हैं। वन विभाग ने आम जनता से भी आग्रह किया है कि वे बाघों के संरक्षण में सहयोग करें और जंगलों में किसी भी तरह की अवैध गतिविधि से बचें।
'पीएन-224' के राजस्थान आगमन को वन्यजीव प्रेमियों और अधिकारियों ने ऐतिहासिक कदम बताया है। इसे राज्य में बाघ संरक्षण के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता का प्रतीक माना जा रहा है।
