Kota मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में दहाड़ेंगे मध्यप्रदेश के बाघ
कोटा न्यूज़ डेस्क , इंटरस्टेट बाघ कॉरिडोर प्रोजेक्ट का सपना जल्द साकार होने वाला है। इस प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश में पहली बार मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ लाने की तैयारियां अंतिम चरण में चल रही है। मध्यप्रदेश के पेंच नेशनल पार्क से बाघ लाए जाएंगे। इस संबंध में राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार के बीच सहमति बन गई है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने देश में बाघों की नस्ल सुधार करने तथा संक्रमण की आशंकाओं की रोकथाम के लिए एक-दूसरे राज्यों के टाइगर रिजर्व में बाघों को छोड़ने का निर्णय किया था। इसके लिए इंटरस्टेट बाघ कॉरिडोर बनाया गया है। इसके तहत मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में मध्यप्रदेश से बाघ लाने की तैयारी चल रही है। पेंच नेशनल पार्क में मुकुंदरा के लिए बाघ चिह्नित किए जा रहे हैं। फिलहाल मध्यप्रदेश से दो बाघिनों को शिफ्ट किया जाएगा। इन्हें मुकुंदरा के साथ रामगढ़ टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जाएगा।
इंटरस्टेट कॉरिडोर को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है। वन मंत्री संजय शर्मा ने पूर्व में कोटा प्रवास के दौरान मध्यप्रदेश और अन्य स्थानों से बाघों के आदान-प्रदान की बात कही थी, वहीं विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक व मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने भी कोटा विजिट के दौरान इस बात पर मुहर लगाई थी। प्रदेश की वर्तमान सरकार बनने के बाद मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र से पहले उत्तराखंड से भी बाघों के आदान-प्रदान पर चर्चा हुई है। हालांकि अभी मध्यप्रदेश से बाघ लाने की तैयारी है।
राजस्थान में मध्यप्रदेश से बाघों की शिफ्टिंग जल्द करेंगे। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की गाइड लाइन और सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही कार्य करेंगे। योजना के अनुसार दो बाघिन भेजी जाएंगी। बाघों के संरक्षण व संवर्धन के लिए 50 वर्ष पहले बाघ परियोजना की शुरुआत की गई थी। इसके बाद इन दशकों में दूसरे राज्यों से बाघों का आदान-प्रदान नहीं हुआ। दुनिया में बाघों की संख्या की 75% आबादी भारत में है, ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि जीनपूल में बदलाव की दृष्टि से यह एक अच्छी पहल होगी।
