Kota चुनाव में वोट न देने वालों की संख्या बढ़ी, लेकिन वोटिंग प्रतिशत नहीं बढ़ा

कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा राजस्थान विधानसभा चुनाव में वोटिंग को अब चार दिन बचे है। प्रत्याशी लोगों को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए अपील कर रहे है। निर्वाचन विभाग वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाता है। लेकिन कोटा की बात करें तो शत प्रतिशत मतदान यहां नही हो सका। पिछले दो विधानसभा चुनावों के आंकडे देखे तो मतदान 75 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ सका। कोटा में साल 2013 व 2018 में हुए विधानसभा चुनाव को मिलाकर कोटा जिले में 6 लाख 16 हजार 7 वोटर्स ने वोटिंग ही नही की। इन चुनाव में कोटा दक्षिण के मतदाताओं ने सरकार चुनने में रुचि नहीं दिखाई। इस सीट पर वर्ष 2013 में 56 हजार तो 2018 में 65 हजार मतदाताओं ने मतदान नही किया। कोटा जिले के सभी 6 विधानसभा सीटों को मिलाकर कुल 24% मतदाता सरकार सुनने में रुचि नहीं दिखाते। साल 2013 में जिले में कुल 11 लाख 73635 मतदाता थे जिनमें से 282496 मतदाता ने वोट नहीं डाला। वही साल 2018 में 1356376 मतदाता थे जिनमें से 333511 मतदाताओं ने वोट नहीं डाला।
दक्षिण में वोटिंग नहीं करने वाले ज्यादा
कोटा जिले की दक्षिण विधानसभा सीट पर वोट न देने वाले मतदाताओं की बात करें तो यहां पर 55000 से ज्यादा मतदाता वोट नहीं डालते। साल 2013 में 56000 मतदाताओं ने वोटिंग मैं रुचि नहीं दिखाई तो 2018 में यह आंकड़ा 65000 तक पहुंच गया। ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं के आंकड़ों को देखें तो यहां भी वोटिंग ना करने वाले लोगों की संख्या काफी है। पीपल्दा सांगोद रामगंजमंडी विधानसभा सीट पर बड़ी संख्या में लोग वोटिंग नहीं कर रहे हैं। ग्रामीण विधानसभा सीटों पर 40000 से ज्यादा मतदाता वोट नहीं डालते यह आंकड़े पिछले दो विधानसभा चुनाव के हैं।
विधानसभा सीट | वोटिंग नहीं करने वालों क संख्या |
कोटा उत्तर | 51716 |
कोटा दक्षिण | 56751 |
लाडपुरा | 43194 |
पीपल्दा | 46404 |
सांगोद | 39213 |
रामगंजमंडी | 45218 |
विधानसभा | वोट नही देने वालों की संख्या |
कोटा उत्तर | 61136 |
कोटा दक्षिण | 65000 |
लाडपुरा | 62120 |
सांगोद | 43496 |
पीपल्दा | 53283 |
रामगंजमंडी | 48503 |