राजस्थान बजट में सुकेत को मिली नए गर्ल्स कॉलेज की सौगात, 2 मिनट के इस वीडियो में देखे वित्त मंत्री से क्या किये बड़े एलान
कोटा न्यूज़ डेस्क - वित्त मंत्री दीया कुमारी ने बुधवार को विधानसभा में बजट पेश किया। बजट में शिक्षा के क्षेत्र में तीन बड़ी घोषणाएं की गई हैं, जिसमें सुकेत में राजकीय कन्या महाविद्यालय, मोड़क में आईटीआई महाविद्यालय और रामगंजमंडी में देवनारायण कन्या आवासीय विद्यालय शामिल है।
रामगंजमंडी में अब 4 राजकीय महाविद्यालय
बजट में सुकेत में नए राजकीय कन्या महाविद्यालय की सौगात दी गई है। जिसमें बालिकाओं को शिक्षा मिलेगी। इसके साथ ही अब क्षेत्र में 4 राजकीय महाविद्यालय हो गए हैं। चेचट में पहले से ही संस्कृत महाविद्यालय और राजकीय महाविद्यालय है। रामगंजमंडी में निमाणा राजकीय महाविद्यालय है। शिक्षा के क्षेत्र में मोड़क में आईटीआई महाविद्यालय खोलने की भी घोषणा की गई है। इससे रामगंजमंडी क्षेत्र में दो आईटीआई महाविद्यालय हो जाएंगे। खैराबाद रोड पर पहले से ही एक महाविद्यालय संचालित है। रामगंजमंडी शहर में देवनारायण कन्या आवासीय विद्यालय की सौगात दी गई। जहां बालिकाओं का आवास और पढ़ाई एक ही भवन में होगी।
पेयजल के लिए ये घोषणाएं
पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए चेचट के टांकली बांध और खिडिय़ाला रीको से शहरी पेयजल योजना के लिए 110 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। आवली-रोजड़ी और नयागांव को अकेलागढ़ हेड वर्क्स से जोड़ने के लिए 2.48 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों के लिए चंबल नदी से पेयजल की आपूर्ति भी की जाएगी।
सड़कों के लिए बजट में प्रावधान
सड़क निर्माण में रामगंजमंडी शहर से जुल्मी रोड को चौड़ा करने के लिए 15 करोड़ रुपए दिए गए हैं। 8 किलोमीटर लंबी इस सड़क से यातायात सुगम होगा। अमझर से खेड़ली, चेचट, मदनपुरा होते हुए मध्यप्रदेश सीमा तक 18 किलोमीटर सड़क को चौड़ा करने के लिए 35 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। आवली-रोजड़ी और नयागांव को अकेलागढ़ हेड वर्क्स से जोड़ने का काम किया जाएगा। इसके लिए 2 करोड़ 48 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
रामगंजमंडी विधायक एवं शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर द्वारा शुरू किया गया स्टील बर्तन बैंक अब पूरे प्रदेश में लागू होगा। हर ग्राम पंचायत में स्टील बर्तन बैंक की स्थापना से पॉलीथिन का उपयोग कम होगा। साथ ही मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों के लिए चंबल नदी से पेयजल की आपूर्ति की जाएगी।
