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हाड़ौती में किसानों को गेहूं पर राहत! मगर लहसुन-सरसों की गिरती कीमतें बनी मुसीबत, यहां जाने क्या है प्रति क्विंटल के भाव

 
हाड़ौती में किसानों को गेहूं पर राहत, मगर लहसुन-सरसों की गिरती कीमतें बनी मुसीबत

कोटा न्यूज़ डेस्क - केंद्र और राज्य सरकार द्वारा गेहूं के समर्थन मूल्य में की गई बढ़ोतरी का असर दिखने की संभावना है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने गेहूं खरीद काउंटर शुरू कर दिए हैं। गेहूं के भाव को लेकर किसान खुश हैं। लेकिन लहसुन और सरसों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की मांग की जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य के साथ ही राज्य सरकार भी किसानों को प्रति क्विंटल बोनस दे रही है। इसके चलते किसानों का रुझान एफसीआई खरीद केंद्रों की ओर बढ़ रहा है। इसका असर राजस्थान की मंडियों में भी दिख रहा है।

गेहूं का भाव 2575 रुपए, हाड़ौती के किसान खुश
उदाहरण के लिए एफसीआई ने गेहूं का भाव 2575 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। इसके चलते हाड़ौती में किसान गेहूं की फसल को लेकर काफी खुश हैं। हालांकि, अभी बाजार भाव और एफसीआई केंद्र पर गेहूं के रेट में कुछ अंतर है। लेकिन कुछ दिनों बाद गेहूं की आवक बढ़ने पर बाजार भाव में कमी आने की संभावना है। ऐसे में उम्मीद है कि एफसीआई द्वारा घोषित समर्थन मूल्य से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।

25 हजार से अधिक किसानों ने कराया पंजीयन
इस बीच खाद्य निगम ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। हाड़ौती की बात करें तो एफसीआई व अन्य एजेंसियों के 91 खरीद केंद्रों पर गेहूं बेचने के लिए 25 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है। लेकिन अभी गेहूं लेकर पहुंचने वाले किसानों की संख्या काफी कम है।

किसान संगठनों ने सरकार से की मांग
कोटा मंडी में मार्च के अंत या अप्रैल के पहले सप्ताह में गेहूं की आवक शुरू हो जाती है। बताया जा रहा है कि समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद का लाभ किसानों को मिलना तय है। ऐसे में मंडी में खुली नीलामी में गेहूं के भाव काफी तेजी से चढ़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर लहसुन के भाव में गिरावट ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। किसान संगठन लहसुन के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं।